आसानी से नहीं खुलेगा मौत का राज, ऐसे मिले हैं अब तक के सुराग
 

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में आरपीएफ के दो जवानों की मौत की गुत्थी सुलझने की बजाय और उलझती जा रही है। दोनों की हत्या ट्रेन में हुई थी अथवा बाहर, यह भी पता नहीं चल पाया।
 

सुलझने की बजाय और उलझती जा रही है आरपीएफ के दोनों जवानों की मौत की गुत्थी

क्या पांचो टीमें मिलकर कर पाएंगे दोनों जवानों की मौत का खुलासा

 

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में आरपीएफ के दो जवानों की मौत की गुत्थी सुलझने की बजाय और उलझती जा रही है। दोनों की हत्या ट्रेन में हुई थी अथवा बाहर, यह भी पता नहीं चल पाया। सबसे बड़ा सवाल है कि जवानों के कपड़े क्यों उतारे गए। 


आशंका जताई जा रही है कि हत्या के बाद पहचान मिटाने के लिए शव ट्रैक पर फेंक दिए गए थे। आरपीएफ मानस नगर और यार्ड पोस्ट में तैनात जवानों को हत्या की जांच के लिए पांच टीमें सक्रिय हैं। ट्रेन में दो जवानों की हत्या और शव रेलवे ट्रैक पर फेंकने की घटना से हर कोई हतप्रभ है।
 

आपको बता दें कि मामले के खुलासे के लिए गाजीपुर पुलिस, क्राइम ब्रांच के साथ फोरेंसिक टीम, आरपीएएफ और जीआरपी समेत पांच एजेंसियां जुटी हैं। जांच में अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि दोनों की हत्या ट्रेन में हुई है अथवा ट्रेन से उतार कर। जवानों के गायब होने और शव रेलवे ट्रैक पर मिलने की सूचना जब मिली, तब ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी पहुंच चुकी थी। यात्रियों से मामला की पूछताछ की गई, लेकिन सभी ने घटना की जानकारी से इनकार किया। वहीं, कोच अटेंडेंट, टीटीई, गार्ड, लोको पायलट से भी पूछताछ की गई।

 
हालांकि आरपीएफ और जीआरपी ट्रेन के सभी यात्रियों के मोबाइल नंबर लेकर उनसे बात करने की कोशिश कर रही है। दूसरी तरफ सुरक्षा एजेंसियों में शामिल लोगों ने शुरूआती जांच में हत्या ट्रेन से उतारने की आशंका जताई है।


यही नहीं जवानों की पहचान मिटाने के लिए जवानों के कपड़े उतार कर रेलवे ट्रैक पर फेंका गया था। इसका कारण है कि बकैनिया गांव के पास रेलवे ट्रैक से कुछ दूरी पर निर्वस्त्र अवस्था में झाडियों में आरपीएफ जवान प्रमोद सिंह का शव मिला था। वहां झाड़ियों के बीच किसी के घिसट कर चलने से बनने वाले पैरों के निशान बने थे। वहीं भदौरा रेलवे स्टेशन के समीप देवकली गांव के समीप रेलवे ट्रैक पर मोहम्मद जावेद का क्षत विक्षत शव मिला था।


आशंका है कि ट्रेन में शराब चढ़ाते समय आरपीएफ जवानों ने तस्करों को रोका होगा तो 15 से बीस की संख्या में रहे तस्करों ने दोनों जवानों को ट्रेन के नीचे पकड़ लिया और मारपीट कर जख्मी कर दिया। इसके बाद पहचान मिटाने के लिए कुछ कुछ दूरी पर दोनों को रेलवे ट्रैक पर रख दिया। जावेद का शव ट्रेन की चपेट में आने से क्षत विक्षत हो गया। जबकि अर्ध विक्षिप्ता हालत में प्रमोद रेलवे ट्रैक से भागने की कोशिश की लेकिन झाड़ियों में गिर गया। गंभीर चोट लगने और रात भर पड़े होने की वजह से उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों की मौत का कारण ब्रेन हैमरेज बताया गया है। इससे भी सिर पर वार करने का अनुमान लगाया जा रहा है।