चहक उठे दिव्यांग, जब ओढ़ायी गयी उम्मीदों की छांव
 

इस अवसर पर दिव्यांगों को उनकी ताकत का एहसास करवाते हुए संस्था की संस्थापिका सारिका दूबे ने कहां कि दिव्यांगता अभिशाप नही अवसर है।  खुद को स्थापित करने का अवसर है.. खुद को साबित करने का अवसर है।
 

ऐसी मदद से दिव्यांगों का खिला चेहरा

धूप और बारिश से होगी सुरक्षा

खुशी की उड़ान संस्था ने लगवाया दिव्यांगों के ट्राईसाइकिलों पर छतरी

दिव्यांग भाई बहनों का सहारा उनका पैर उनका ट्रायसाइकिल होता है। जब कभी वो बाहर निकले हो और अचानक से बारिश होने लगें उस समय सभी सामान्य लोग घरों एवं छतों वाले स्थान में रुककर अपने को बारिश से सुरक्षित कर लेते हैं, परंतु दिव्यांग भाइयों को बारिश का सामना सड़क पर भींगते हुए करना पड़ता है।

इसी समस्या को आत्मीयता से महसूस कर खुशी की उड़ान संस्था की मुहिम "ओढ़ा दो जिंदगी" के तहत रविवार को पीडीडीयू नगर के स्वयंवर लॉन में दिव्यांगजनों के ट्राईसाइकिल पर छतरी "खुशी की उड़ान" संस्था के तरफ से नि:शुल्क लगायी गयी।
 
इस अवसर पर दिव्यांगों को उनकी ताकत का एहसास करवाते हुए संस्था की संस्थापिका सारिका दूबे ने कहां कि दिव्यांगता अभिशाप नही अवसर है।  खुद को स्थापित करने का अवसर है.. खुद को साबित करने का अवसर है। सूरदास आंखों के अंधे होने के बाद भी जो ज्ञान का प्रकाश दिए हैं उसकी ज्योति आज भी सारे संसार मे अलौकिक हो रही है।

वहीं दिव्यांगों के अंदर ऊर्जा भरते हुए  राव आईएएस के डायरेक्टर अजित श्रीवास्तव ने कहा कि जीत तब ज्यादा सुनिश्चित होती है, जब आप यह खुद से कहने लगते है कि मैं जीत कर रहूंगा, अर्थात् संकल्प से बड़ा आपका कोई अंग नही कोई सहारा नहीं।

 वहीं धन्यवाद एवं साधुवाद ज्ञापित करते हुए बाल संरक्षण अधिकारी चंदौली किशन वर्मा जी एवं महिला कल्याण अधिकारी दीक्षा अग्रहरि जी ने सामूहिक रूप कहा कि "खुशी की उड़ान" सभी के जीवन मे खुशियां भरने का कार्य कर रही है। यह ईश्वरीय कार्य है जो काफी ज्यादा सराहनीय एवं वंदनीय है। इस पुनीत कार्यक्रम के दिन लोग संस्था के पदाधिकारियों में से महासचिव देव जायसवाल, कोषाध्यक्ष चित्रेस्वर सेठ, उपाध्यक्ष जयप्रकाश, सचिव विकाश गुप्ता, रितिक, डिजिटल हेड विशाल , मीडिया हेड सुदीक्षा, सदस्य प्रियंका गुप्ता ,संध्या गुप्ता प्रतीक गुप्ता,आहिल मनीष एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।