कैंसर पीड़ित पत्नी के इलाज के लिए नहीं है पैसे, 10 मई को बड़ी बेटी की आ रही बारात
यहां फेल हो गया आयुष्मान कार्ड
अब मजदूर ने मीडिया के माध्यम से DM से मदद की लगाई गुहार
कैसे कराएं कैंसर से पीड़ित पत्नी का इलाज
कौन करेगा चुनावी सीजन में गरीब की मदद
आपको बता दें बीमारी को आप और हम भले ही छोटा मान रहे हैं, लेकिन दो वक्त की रोजी-रोटी कमाने वालों पर यह कहर बरपा है। सदर ब्लाक अंतर्गत सिरसी गांव के धर्मेंद्र बहेलिया की पत्नी रिंकू देवी पिछले तीन वर्षों से बीमार चल रही है, महिला के पति के मुताबिक उसके सीने में गिल्टी रोग के बारे में जानकारी 2022 में बीएचयू अस्पताल में जांच के बाद पता चला। इस के बाद आयुष्मान कार्ड से इलाज कराया और दवा का पैसा अलग से दे रहा था, डॉक्टर ने मजदूर की पत्नी का दो बार सीने के पास गिल्टी का ऑपरेशन किया लेकिन सक्सेस नहीं हुआ। जब मजदूर ने अपने पत्नी रिंकू देवी की जांच कराई तो गिल्टी की जगह कैंसर का रूप ले लिया था, मजदूर ने बताया कि आयुष्मान कार्ड का इलाज के दौरान पैसा भी खत्म हो गया और घर की गाढ़ी कमाई भी खर्च होने के बाद रोग से मुक्ति नहीं मिल रहा। आर्थिक तंगी के कारण बगैर इलाज पूरा हुए ही अस्पताल से लौटना पड़ा। कहा कि बड़ी बेटी काजल की बारात 10 मई को उसके गांव आनी है। वही मजदूरी कर पति अपने बेटी की शादी करें या पत्नी का इलाज करें इसी से मजदूर परेशान है। वही परिवार वालों ने मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई है।
ग्रामीणों ने बताया कि धर्मेंद्र बहेलिया ट्रैक्टर ड्राइवर है, मेहनत मजदूरी कर घर की रोजी रोटी का जुगाड़ करने वाला काफी दिन से परेशान चल रहा हैं। जिनके तीन पुत्री दो पुत्र है, लगभग तीन साल से अपने पत्नी रिंकू देवी का कैंसर के इलाज में तंगहाल हो चुका है, आर्थिक तंगी के कारण पत्नी की इलाज का बंदोबस्त नहीं कर पा रहा है, उसकी बड़ी बेटी की शादी 10 मई में को होनी है। पैसे से मोहताज कैंसर रोग से पीड़ित महिला अब अपने गांव में जिंदगी के लिए जंग लड़ रही है वहीं मजदूरी कर पति बच्चों की परवरिश करें या पत्नी का इलाज इसी में परेशान है।