मां का छलका दर्द, नगर पालिका ने दिया होता मानदेय तो नहीं जाती मेरे लाल की जान
चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर में नगर के लाठ नंबर दो में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान बृहस्पतिवार को चार लोगों की मौत हो गई थी। शुक्रवार को भी चारों घरों में मातम छाया रहा। मृतक सफाईकर्मी विनोद की मां लक्ष्मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पालिका ने मेरे बेटे का 11 महीने से मानदेय नहीं दिया था। पेट पालने के लिए वह मजदूरी करता था। यदि मानदेय मिला होता तो मेरे लाल की जान नहीं जाती।
आपको बता दें कि नगर पालिका के आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को कई महीने से मानदेय नहीं मिला है। इसलिए उन्हें परिवार का पालन-पोषण करने के लिए ड्यूटी के अलावा मजदूरी भी करनी पड़ती है। सफाईकर्मी विनोद भी नगर पालिका में आउटसोर्सिंग पर काम करता था। विनोद की मां लक्ष्मीना ने बताया कि उसके बेटे को पिछले 11 महीने से मानदेय नहीं मिला था। इसके चलते घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में वह लोगों के घरों में सफाई का काम भी करता था।
सदमे में खड़ी तक नहीं हो पा रही अंकुर की मां
पीडीडीयू नगर के लाठ नंबर दो स्थित भरतलाल जायसवाल के इकलौते बेटे अंकुर की सेप्टिक टैंक में गिरने मौत के बाद घर मातम छाया हुआ है। जवान बेटे की मौत के सदमे से अंकुर की मां चंदा बदहवास है। दो दिन से उन्होंने अपने मुंह में अन्न का एक दाना तक नहीं डाला। बार-बार बेटे को बाबू-बाबू पुकारकर रो रही हैं। वह खड़ी तक नहीं हो पा रही हैं। बहन निर्जला के आंसू भी नहीं थम रहे हैं।
परिजनों को मिले 50 लाख मुआवजा
आजाद समाज पार्टी के प्रतिनिधियों ने जिलाध्यक्ष शैलेष कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। उन्होंने सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गई से मरने वाले सफाई कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा देने और परिवार के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग की है।