आरपीएफ 3 बच्चों को रेस्क्यू करके 1 ट्रैफिकर को किया गिरफ्तार
बच्चों को बिहार से लेकर जा रहा था मुंबई
15 हजार की मजदूरी के लिए जा रहे थे बच्चे
बंगाल का बाल-तस्कर अरेस्ट
चंदौली जिले के डीडीयू जंक्शन पर आरपीएफ को मिली सूचना के आधार पर एक तस्कर एवं तीन नाबालिक बच्चों को बरामद किया गया है। तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही की जा रही है, जबकि नाबालिक बच्चों को रेलवे हेल्प चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया गया है।
बता दें कि दिनांक 26 जुलाई 2024 शुक्रवार को मुखबिर खास की सूचना के आधार पर रेलवे सुरक्षा बल थाना डीडीयू तथा बचपन बचाओ आंदोलन टीम के द्वारा संयुक्त कार्यवाही के दौरान प्लेटफॉर्म संख्या 4 पर आई गाड़ी संख्या 12142 अप पाटलिपुत्रा-लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस के कोच संख्या एस-6 में गहन खोजबीन करने पर 3 नाबालिग लड़कों को डरे सहमे हालत में एक व्यक्ति के साथ देखे गये। जिनपर संदेह होने पर नाबालिक लड़कों के साथ साथ उनके साथ पाए गए एक व्यक्ति से भी पूछताछ की गयी। पश्चिम बंगाल के मालदा जिला अंतर्गत हरिशचंद्रपुर थाना के खोपा ग्राम निवासी मिनारूल हक से भी इनको लेकर कहीं जा रहा था।
प्रारंभिक पूछताछ से मामला बालश्रम के होने का संदेह हुआ। फलस्वरूप सभी 3 नाबालिक लड़कों एवं एक व्यक्ति (तस्कर) को आवश्यक पूछताछ हेतु गाड़ी से नीचे उतारकर पोस्ट पर लाया गया, जहां उनका काउंसलिंग किया गया तथा विस्तृत पूछताछ की गई। जिससे यह ज्ञात हुआ कि मिनारूल हक नामक बाल तस्कर बिहार के कटिहार जिला निवासी तीनों नाबालिक बच्चे को अपने साथ मुबंई के बदलापूर में नल, रोड बनाने एवं कपडे की दुकान में काम करने के लेकर जा रहा था।जहाँ उन बच्चों को प्रतिदिन बारह घंटे काम करने के बदले 15,000/- रूपये प्रति माह देने की बात बताकर ले जाया जा रहा था।
तस्कर ने सभी नाबालिग बच्चों के माता-पिता को बहला फुसलाकर नाबालिग बच्चों को बालश्रम कराने के लिए ट्रेन के माध्यम से मुबंई में बदलापुर ले जा रहा था। बाद सभी नाबालिक बच्चों को रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क डीडीयू को सही सलामत सुपुर्द किया गया और अग्रिम कार्यवाही हेतु अभियुक्त मिनारूल हक को शिकायत पत्र के साथ कोतवाली थाना मुगलसराय को सौंपा गया जहां उसके विरुद्ध उचित करवाई की जा रही है।
उक्त कार्यवाही में रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट डीडीयू के उपनिरीक्षक अर्चना कुमारी मीना, रामकृष्ण सुब्रमणयम्, आरक्षी अशोक कुमार यादव साथ अवधेश प्रसाद, डीडीयू साथ रेलवे चाइल्ड हेल्प डेस्क के पीयूष मिश्रा और बचपन बचाओ आंदोलन के चंदा गुप्ता, सहायक परियोजना अधिकारी शामिल रहे।
रेलवे सुरक्षा बल के द्वारा ऑपरेशन आहट के तहत इस तरह की कार्यवाही समय समय पर की जाती रहती है जिसके अंतर्गत बाल मजदूरी तथा देह व्यापार जैसे कुकृत्य हेतु तस्करों के द्वारा ले जा रहे बच्चों को रेस्क्यू किया जाता है।