लावारिस पर्स को मालिक तक पहुंचान में सफल रहे चौकी इंचार्ज, पर्स पाकर खुश हुए चंद्रशेखर
ड्यूटी के दौरान चौकी इंचार्ज को सड़क पर मिला था पर्स
पर्स सकुशल सौंप कर पेश की ईमानदारी की मिसाल
पर्स पाकर बोले चंद्रशेखर-आपकी ईमानदारी को सलाम
चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली अंतर्गत रेलवे चौकी प्रभारी ने सोमवार की दोपहर मे ईमानदारी व कर्तव्यपराणता की मिशाल कायम की। रक्षाबंधन के त्योहार पर एक व्यक्ति का मार्केटिंग के दौरान रोड पर पर्स गिर गया था। चौकी प्रभारी ने पर्स को परेशान व्यक्ति को सुपुर्द किया। इस दौरान परेशान व्यक्ति ने पर्स मिलने पर राहत की सांस ली, फिर चंदौली पुलिस को ईमानदारी का सलाम पेश किया।
आपको बता दें कि अक्सर विवादों और वसूली को लेकर सुर्खियों में रहने वाली पुलिस ने ईमानदारी की मिसाल पेश की। मुगलसराय कोतवाली अंतर्गत रेलवे चौकी प्रभारी हेमंत यादव ने रविवार की शाम गश्त कर रहे थे, जैसे ही गंजी प्रसाद चौराहे के पास ही पहुंचे थे कि रास्ते में उन्हें एक पर्स दिखाई दिया। वह तुरंत सड़क से पर्स को उठाया और चौकी ले आए।
इसके बाद पुलिस ने आसपास के लोगों को सूचित किया कि अगर कोई व्यक्ति पर्स ढूंढते दिखाई दे तो उसे चौकी पर भेज दीजिएगा। कुछ घंटे बीत जाने के बाद जब कोई व्यक्ति रेलवे चौकी नहीं पहुंचा तो प्रभारी ने पर्स खोलकर देखा कि आधार कार्ड व डायरी, 2960 रुपए एवं अन्य कागज थे। आधार कार्ड पर पता देखा तो चंद्रशेखर पुत्र बसंत लाल निवासी अमोघपुर लिखा हुआ था। पता मिलते ही चौकी प्रभारी एक्टिव होकर परेशान व्यक्ति को सोमवार की सुबह चौकी पर बुलवाया और परेशान व्यक्ति को पर्स सुपुर्द कर दिया।
हालांकि परेशान व्यक्ति जैसे ही पुलिस के हाथों से अपना पर्स अपने पास लिया तो चौकी प्रभारी सहित चंदौली पुलिस को ईमानदारी का सलाम पेश किया। परेशान व्यक्ति चंद्रशेखर ने पुलिस को बताया कि रविवार की शाम रक्षाबंधन के त्यौहार पर घर का राशन लेने के लिए मार्केट गए थे, जल्दबाजी में पर्स रास्ते में कही गिर गया। इसके बाद कई जगह खोजा, लेकिन पर्स नहीं मिला तो मायूस होकर घर लौट गए। जब चौकी से देर रात घर पर फोन गया और पर्स मिलने की सूचना मिली तो राहत की सांस ली और सुबह पुलिस से सकुशल पर्स पाया लिया।
इस संबंध में रेलवे चौकी प्रभारी हेमंत यादव ने बताया कि शाम के समय चकिया तिराहे के पास एक व्यक्ति का पर्स रास्ते में गिरा पड़ा हुआ था, आधार कार्ड के माध्यम से पहचान कर पर्स को अमोघपुर चंद्रशेखर को सुपुर्द कर दिया गया,जिसमें व्यक्ति के कुल रुपए 2960 एवं कागजात थे।