शराब तस्करी, निजी विवाद या कोई और वजह, कई एंगल पर लगी हैं 5 टीमें
 

चंदौली जिले में रेलवे सुरक्षा बल मानस नगर और यार्ड पोस्ट में तैनात जवानों की हत्या को लेकर पांच टीमें सक्रिय हैं। शव की हालत देख कर प्रथम दृष्टया यही लग रहा है कि उन्हें ट्रेन से उतार कर सुनियोजित तरीके से मारा गया है।
 

दोनों जवानों की हत्या को लेकर पांच टीम गठित

हर एक कड़ी पर हो रही जांच

ट्रेन से उतार कर की गयी है हत्या

मौत को अंजाम देने में शातिर हैं शामिल

चंदौली जिले में रेलवे सुरक्षा बल मानस नगर और यार्ड पोस्ट में तैनात जवानों की हत्या को लेकर पांच टीमें सक्रिय हैं। शव की हालत देख कर प्रथम दृष्टया यही लग रहा है कि उन्हें ट्रेन से उतार कर सुनियोजित तरीके से मारा गया है। साथ में यह भी कहा जा रहा है कि यह हादसा नहीं है बल्कि एक सुनियोजित हत्या है। जो बहुत ही सोच समझ कर की गयी है, ताकि असली कारण का पता न चल सके। 


आपको बता दें कि इस मामले का खुलासा करने के लिए फिलहाल गाजीपुर पुलिस, क्राइम ब्रांच के साथ ही फोरेंसिक टीम, आरपीएएफ और जीआरपी सहित पांच एजेंसियां जुटी हैं। ट्रेन में अगर मारपीट हुई है तो घटना का कोई चश्मदीद गवाह भी होता। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि दुश्मनी में ट्रेन से उतार कर दोनों की सुनियोजित तरीके से हत्या तो नहीं की गई है।

जानकारी के अनुसार मूल रूप से बिहार के आरा जिले के तरारी थाना के करप गांव निवासी प्रमोद कुमार (36) पुत्र जवाहर सिंह आरपीएफ मानस नगर पोस्ट में आरक्षी के रूप में तैनात था और मानस नगर बैरक में रहता था। इसी तरह यार्ड पोस्ट में आरक्षी के रूप में तैनात मूल रूप से दिलदारनगर के देवैधा गांव निवासी था। मोहम्मद जावेद रिजर्व कंपनी बैरक में रह रहा था। दोनों की मौत के बाद रेलवे में खलबली मच गई है। यात्रा के दौरान दोनों एसी कोच में टीटी के सीट पर बैठे थे। वहीं पर उनका सामान भी रखा था। 


प्राथमिक जांच में किसी यात्री ने ट्रेन में मारपीट होते नहीं देखा। न ही टीटीई और कोच अटेंडेंट को इसके बारे में पता चला। ट्रेन के किसी कोच में जवानों की पिटाई होती तो शोर होता। कपड़े उतारते हुए कोई न कोई देख लेता और 139 पर इसकी सूचना देता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मामले में वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त जेतिन बी राज ने कहा कि सभी एंगल से मामले की जांच की जा रही है। हत्या के भी एंगल को ध्यान में रखा जा रहा है। 


शराब माफिया और पेंट्रीकार कर्मियों की मिलीभगत 


आरपीएफ के दो जवानों की हत्या के मामले में शराब तस्करों के हाथ होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। शराब तस्कर पेंट्रीकार कर्मी से मिलकर हत्या कर सकते हैं। इसका कारण है कि शराब तस्कर बिहार शराब ले जाने के लिए अक्सर पेंट्रीकार का इस्तेमाल करते हैं। वहीं आधी रात के बाद पेंट्रीकार कर्मी कोच के सभी दरवाजे बंद कर देते हैं और दूसरे कोच से जोड़ने वाले दरवाजे को भी बंद कर देते हैं। 


इसीलिए आशंका है कि जवानों ने पेंट्रीकार में शराब लादते हुए देख लिया होगा और रोकने के लिए पहुंच गए होंगे। उसी समय कुछ ऐसा हुआ होगा। फिलहाल सभी एंगल पर जांच की जा रही है। इसमें क्या आता है यह तो समय ही बताएगा।