रेउसा में सलमा किन्नर ने दिया ज़मीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन को समर्थन, कहा- जान भी देनी पड़ी तो पीछे नहीं हटूंगी 

हालांकि धरना स्थल पर भारी बारिश के बावजूद आंदोलनकारियों का हौसला कायम है। टेंट के नीचे पूरी रात डटे ग्रामीणों का कहना है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, वे पीछे नहीं हटेंगे।
 

 भारतमाला परियोजना के विरोध में सोनू किन्नर

ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन में की शिरकत

अनिश्चितकालीन धरने में किया ये ऐलान 

चंदौली ज़िले के पीडीडीयू नगर तहसील अंतर्गत रेउसा गांव में भारतमाला परियोजना के तहत ज़मीन अधिग्रहण के खिलाफ जारी अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को 45वें दिन में प्रवेश कर गया। इस दौरान तमाम लोगों ने आंदोलन का साथ देने का ऐलान किया। मंगलवार को मुगलसराय नगर पालिका की चेयरमैन सोनू किन्नर ने भी धरना देने वालों का साथ दिया और कहा कि इस लड़ाई में साथ हैं।

इस लंबे आंदोलन को उस समय नया बल मिला जब ट्रांसजेंडर अधिकार संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सलमा किन्नर ने धरनास्थल पहुंचकर ग्रामीणों को खुला समर्थन दिया। उन्होंने मंच से भावुक होकर कहा, "जब तक आप सभी को आपका अधिकार नहीं मिल जाता, मैं इस लड़ाई में आपके साथ हूं। यदि इस संघर्ष में अपनी जान भी कुर्बान करनी पड़ी, तो पीछे नहीं हटूंगी।"

हालांकि धरना स्थल पर भारी बारिश के बावजूद आंदोलनकारियों का हौसला कायम है। टेंट के नीचे पूरी रात डटे ग्रामीणों का कहना है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, वे पीछे नहीं हटेंगे। इस आंदोलन को राजनीतिक दलों का भी समर्थन प्राप्त है। भाकपा (माले), समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी सहित कई दलों के प्रतिनिधियों ने धरना स्थल पहुंचकर एकजुटता दिखाई है। वहीं, छात्र संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता भी आंदोलन में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।

जबकि प्रशासनिक अधिकारी लगातार बातचीत के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की साफ मांग है कि जब तक अधिग्रहण प्रक्रिया पर पुनर्विचार नहीं होता और उनकी ज़मीनों का वाजिब मुआवज़ा तय नहीं किया जाता, तब तक वे आंदोलन खत्म नहीं करेंगे।

रेउसा गांव का यह संघर्ष अब सिर्फ ज़मीन का नहीं, बल्कि अधिकार, अस्मिता और न्याय की लड़ाई बन चुका है, जिसकी गूंज जिले की सीमाओं से बाहर भी सुनाई देने लगी है।