'स्मार्ट मीटर' पर महासंग्राम जारी, उपभोक्ता बोले- 6 गुना ज्यादा बिल वसूल रहा विभाग, सरकार तुरंत हटाए 40 लाख मीटर
उपभोक्ता की सहमति के बिना मीटर लगाना अवैध
वकील संतोष पाठक ने कहा- अगर जोर जबरदस्ती हुई तो बिजली अधिकारी पर दर्ज होगी FIR
वाराणसी मंडल में GMR कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप
चंदौली जिले के मुगलसराय विद्युत उपभोक्ताओं को कथित तौर पर लूट रहे स्मार्ट मीटर के मुद्दे पर शनिवार को सुभाष पार्क, मुगलसराय में उपभोक्ताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में उपभोक्ताओं ने सरकार से मांग की है कि घरों में लगे ये तेज चल रहे स्मार्ट मीटर तुरंत हटाए जाएं।
जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने बैठक को संबोधित करते हुए स्मार्ट मीटर को "लूट का मीटर" बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर लगाकर बिजली विभाग उपभोक्ताओं से चार गुना से छः गुना तक ज्यादा बिजली बिल वसूल रहा है, जो कि सरासर गलत और एक तरह का अपराध है।
भ्रष्टाचार और कमीशन का खेल
अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने आरोप लगाया कि यह पूरा खेल भ्रष्टाचार और कमीशन का है। उन्होंने बताया कि वाराणसी मंडल में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका जीएमआर कंपनी को मिला है, जिसकी कुल लागत 55 अरब 30 करोड़ 66 लाख 83 हजार रुपए है। यह सारा पैसा अंततः उपभोक्ताओं से ही वसूला जाना है। पाठक ने कहा कि ये कंपनियां केंद्र व राज्य सरकारों को मोटा चंदा और कमीशन देती हैं, यही कारण है कि सही सलामत चल रहे इलेक्ट्रिक मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं।
उपभोक्ताओं के अधिकार का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन
अधिवक्ता संतोष कुमार पाठक ने बताया कि स्मार्ट मीटर को उपभोक्ताओं की सहमति के बिना लगाना बिल्कुल अवैध है। उन्होंने विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47 (5) का हवाला दिया, जो यह अपबंधित करती है कि उपभोक्ता की सहमति के बिना उसके घर स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जा सकता है। उपभोक्ता को यह चुनने का अधिकार है कि वह प्रीपेड मीटर लगाए या पोस्ट पेड मीटर लगाए। यह धारा नए बिजली संशोधन बिल के ड्राफ्ट में भी यथावत (जैसी की तैसी) है।
पाठक ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने का यह आदेश केंद्र सरकार द्वारा 2020 में जारी किया गया था, लेकिन यह गलत और अवैध है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह आदेश कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से जारी किया गया था और यह उपभोक्ताओं के अधिकारों का खुल्लर खुल्ला उल्लंघन करता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस आदेश से विद्युत नियामक आयोग भी असमंजस में है।
कड़ी चेतावनी: मीटर उखाड़ कर जला देंगे उपभोक्ता
संतोष कुमार पाठक एडवोकेट ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश सरकार से तुरंत कार्रवाई की मांग की। उन्होंने मांग की कि जिन 40 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, उन्हें अति शीघ्र हटाया जाए।
उन्होंने सरकार को सख्त चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं में इस मुद्दे पर बेहद आक्रोश है। यदि सरकार ने जल्द ही इन मीटरों को हटाने का आदेश नहीं दिया, तो उपभोक्ता खुद स्मार्ट मीटर उखाड़कर बिजली ऑफिस के सामने जलाना शुरू कर देंगे। पाठक ने स्पष्ट किया कि यदि ऐसा हुआ तो इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने सरकार से यह भी निवेदन किया कि अब किसी भी नए घर में स्मार्ट मीटर न लगाया जाए, क्योंकि यह एक बेहद गंभीर किस्म का भ्रष्टाचार है।
जोर जबरदस्ती पर एफआईआर दर्ज कराएं
अधिवक्ता पाठक ने उपभोक्ताओं को उनका कानूनी अधिकार भी बताया। उन्होंने कहा कि अगर कोई बिजली अधिकारी या कर्मचारी जोर जबरदस्ती करके उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाता है, तो उपभोक्ता उसके ऊपर एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
इस अवसर पर संतोष कुमार पाठक एडवोकेट, पिंटू सिंह, लक्ष्मण चौहान, जनार्दन, बहादुर, नियाज, संतोष, अभिषेक, फैयाज सहित कई अन्य उपभोक्ता उपस्थित रहे।