कर्जदारों और सूदखोरों पर नकेल जरूरू, पत्नी ने लगाया है प्रताड़ना का आरोप
लोन का 12 हजार रुपये नहीं चुका पाने से तनाव में था पद्मकांत
माइक्रो फाइनेंस कंपनी के दबाव में की आत्महत्या
क्या पुलिस इन लोगों पर भी लेगी एक्शन
चंदौली जिले में पीडीडीयू नगर के चतुर्भुजपुर स्थित एक मकान में सोमवार की सुबह कर्जदारों से परेशान युवक ने फांसी लगाकर जान दे दी। घटना का बाद परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस पद्मकांत खरवार शव को कब्जे में (फाइल फोटो) लेकर अग्रिम कार्रवाई में जुट गई।
आपको बता दें कि मुगलसराय कोतवाली थाना क्षेत्र के पद्माकांत खरवार उर्फ घंटु (48 वर्ष) पत्नी साधन के साथ चतुर्भुजपुर स्थित एक किराए के मकान में रहता था। उसके दो बेटे व एक बेटी है। रोज की भांति पदाकांत व उसके परिवार के लोग रविवार की रात भोजन के बाद सो गए। सोमवार की तड़के सुबह जब उसकी पत्नी साधना नींद से उठी तो पति को घर में मौजूद नहीं देख हैरान रह गई। इसके बाद जब वह घर से बाहर निकली तो देखा कि सीढ़ी के ऊपर पड़ी करकट की छत में लगे पाइप के सहारे पति का शव लटका पड़ा है। यह देखते ही उसके होश उड़ गए। इसके बाद आसपास के लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी और शव को नीचे उतारा गया।
पत्नी का आरोप, माइक्रो फाइनेंस कंपनी के दबाव में की आत्महत्या :
पदाकांत की पत्नी साधना ने आरोप लगाते हुए बताया कि क्षेत्र के ही कुछ लोगों की मदद से माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था। बताया कि लोन मिलने के बाद बीच में पड़े लोगों ने लोन की रकम अपने पास रखा ली थी। अब लोन का पैसा पद्मकांत को ही भरना पड़ रहा था। कहा कि उसी रुपये को लेकर दो दिन से उसके पति परेशान थे। उनके ऊपर किस्त भरने का दबाव डाला जा रहा था। इस दबाव में आकर पति ने आत्महत्या कर ली।
इस संबंध में इंस्पेक्टर विजय बहादुर सिंह ने बताया कि पद्मकांत की पत्नी के अनुसार उसको समूह लोन का 12 हजार रुपये चुकाना था। वह उसे चुका नहीं पा रहा था। इसको लेकर समूह वाले उसके ऊपर दबाव बना रहे थे। समूह में भी आपस के लोग ही होते हैं। समूह के माध्यम से मजदूर वर्ग के लोगों को छोटे लोन आसानी से मिल जाते हैं। हालांकि इस लोन को समय पर ही चुकाना होता है। मृतक समय पर लोन नहीं चुका पा रहा था। इसको लेकर वह काफी तनाव में था। अब उसकी मौत हो गई है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
सक्रिय है सूदखोरों का गिरोह
पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर में सूदखोरों का गिरोह काफी सक्रिय है। सूदखोर जरूरतमंद गरीब लोगों को 10 से 20 प्रतिशत ब्याज पर रुपये देते है। जबकि ऐसे लोगों के पास ब्याज पर रुपये बांटने से संबंधित कोई लाइसेंस भी नहीं होता है। नगर में सूदखोरों के गिरोह के टारगेट पर चतुर्थ श्रेणी के सरकारी कर्मचारी और गरीब मजदूर होते होते हैं। सूद की रकम नहीं मिलने पर इन्हें डरा धमका कर रुपए लिए जाते है।