राजकीय महिला चिकित्सालय में डिलीवरी के केसों की रिसर्च, गभर्वती महिलाओं में बढ़ रहा एनीमिया
महिलाओं को देना होगा हेल्थ पर ध्यान
37 फीसदी गभर्वती एनीमिया से पीड़ित
बोल रहे हैं चंदौली जिले के ये आंकड़े
आपको बता दें कि गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की सुरक्षा के लिए शासन स्तर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी की सबसे अधिक शिकायत रहती है। इसके अलावा वजन कम होना, हाई ब्लड प्रेशर, पूर्व का बच्चा ऑपरेशन से होना और विभिन्न तरह की बीमारियों से पीड़ित महिलाएं रहती हैं।
बताते चलें कि ऐसे में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। जिससे गर्भवती को सुरक्षित प्रसव हो सके। समय- समय पर उनकी जांच भी की जाती है। इसके अलावा टीकाकरण किया जाता है, साथ ही विभिन्न प्रकार की ताकत की गोलियां भी दी जाती हैं, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रह सकें। इसके बावजूद शहरी क्षेत्र में 37 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनिमिया से पीड़ित मिली हैं।
इस संबंध में राजकीय महिला चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. एसके चतुर्वेदी ने कहा कि एक वर्ष में ज्यादातर महिलाएं एनीमिया से पीड़ित मिली हैं। गर्भवती महिलाओं की अस्पताल में हर माह की 1, 9, 16, 24 तारीख को सभी जांच निशुल्क होती है। ऐसे में गर्भवतियों को चाहिए की समय-समय पर सभी जांच कराएं ताकि सुरक्षित प्रसव हो सके।
आयरन युक्त भोजन करें
राजकीय महिला चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. एसके चतुर्वेदी ने बताया कि एनीमिया से पीड़ित गर्भवती महिलाओं को अंडा, मछली, अनाज, दाल, बॉस, चीज, सोयाबीन, चुकंदर, पालक, सूखे मेवे और शहद का सेवन करना चाहिए। ये आयरन के स्रोत हैं। इससे तेजी से शरीर में आयरन की पूर्ति होती है। दूसरे जरूरी तत्व भी शरीर को प्राप्त हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ भी ग्रहण करना चाहिए। लोहे की कढ़ाई में खाना पकाना चाहिए।