नौगढ़ में चल रही है संगीतमय भागवत कथा, आज सुनाई गयी खंभे से नृसिंह भगवान के प्रकट होने की कथा
नौगढ़ में दुर्गा मंदिर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बृहस्पतिवार की रात कथा व्यास आचार्य गौरीश पांडे ने भक्त प्रहलाद और ध्रुव की कथा सुनाते हुए कहा कि भक्ति करनी है तो ध्रुव और भक्त प्रहलाद ऐसी करो।
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास ने भक्त प्रहलाद और ध्रुव प्रसंग की कथा सुनाई। व्यास ने कहा कि भागवत कथा सही मार्ग दिखाता है। भक्ति करनी है तो ध्रुव और भक्त प्रहलाद जैसी करो। भगवान ने प्रहलाद के लिए अवतार लेकर हिरणकश्यप का वध किया था। ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मनुष्य को दिखावा न करते हुए भगवान को सच्चे हृदय से याद करना चाहिए।
वृंदावन से आए भागवताचार्य गौरीश पांडे ने भागवत कथा में कहा कि राजा उत्तानुपाद के दो पत्नियों में एक का नाम सुनीति और दूसरी को नाम सुरुचि था। सुरुचि के कहने पर उत्तानुपाद ने सुनीति को जंगल भेज दिया था। एक दिन सुनीति का पुत्र खेलते- खेलते राज दरबार जा पहुंचा और उत्तानुपाद की गोेदी में बैठ गया। सुरुचि ने उसे फटकारते हुए गोद से उतार कर भगा दिया। इससे दुखी बालक ध्रुव जगंल में तपस्या करने लगा। भीषण बारिश और आंधी, तूफान भी उसे डिगा नहीं सके। नारद मुनि के समझाने पर भी ध्रुव ने तपस्या नहीं छोड़ी। कठिन तपस्या देख भगवान ध्रुव के सामने प्रकट हुए और उन्हें ब्रह्मांड में अटल पदवी दी। आज भी ध्रुव तारा अपने स्थान पर अटल रहते हुए चमक बिखेरता है।
भागवत कथा में द्वारिका नाथ जायसवाल, रामलाल केशरी, प्रभु नारायण जायसवाल, शिव नारायण, सुनीति रामायणी, शीतला श्रीवास्तव, मौलाना यादव, हिमांशु कुमार, प्रदीप कुमार, विनोद यादव, गुलाब केसरी, रमाशंकर समेत काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।