नौगढ़ में नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में देवों का आह्वान 

दुर्गा मंदिर नौगढ़ के पोखरे पर चल रहे गायत्री महायज्ञ में वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ साधकों ने आहुतियां समर्पित करते हुए विश्व कल्याण की कामना की।

 
नौगढ़ के पोखरे पर गायत्री महायज्ञ

दुर्गा मंदिर नौगढ़ के पोखरे पर चल रहे गायत्री महायज्ञ में वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ साधकों ने आहुतियां समर्पित करते हुए विश्व कल्याण की कामना की।

गायत्री मानव जीवन को देवता बनाने की टकसाल है- आचार्य

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़‌ में दुर्गा मंदिर नौगढ़ के पोखरे पर चल रहे नौ कुंडीय गायत्री यज्ञ के दूसरे दिन में मंगलवार को वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ साधकों ने आहुतियां समर्पित करते हुए विश्व कल्याण की कामना की।


बताते चलें कि  नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ में सर्वप्रथम आचार्य ने संगीत में धुनों के साथ देव आह्वान किया, वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ साधकों  ने पान, सुपारी, नारियल आदि की आहतियां समर्पित की। शांतिकुंज हरिद्वार के आचार्य अनिल कुमार सिंह ने बताया कि गायत्री ही कामधेनु है। मानव जीवन को देवता बनाने की टकसाल भी है। नौ कुंडीय यज्ञ में क्षेत्र के लोगों ने सपत्नीक भाग लेते हुए गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र के साथ- साथ अनिष्ट निवारण एवं अभिष्ठ संवर्धन के लिए आहुतियां दीं।

 आचार्य ने कहा कि परिवार के प्रत्येक परिजन को रोजाना कम से कम तीन माला गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। परिवार में बलिवेश्य यज्ञ, दैनिक अग्निहोत्र यज्ञ, अखंड दीपक के सानिध्य में कम से कम 24 हजार गायत्री मंत्र का अनुष्ठान करना चाहिए। इससे दुखों से छुटकारा मिलेगा एवं पुण्य की प्राप्ति होती है। गायत्री मंत्र के जाप से बुद्धि तेज होती है तथा वातावरण भी शुद्ध होता है। परिवार के सभी सदस्य सुखी रहते हैं। सभी ऋषियों ने गायत्री मंत्रों के द्वारा अनुष्ठानों से साधना करके सिद्धि प्राप्त की। इस दौरान बताया कि युग के निर्माण के लिए अवसर मिला है।‌ 

इस दौरान महायज्ञ में प्रमुख रूप से‌ शंकर सेठ, कांता जायसवाल, ओम प्रकाश शर्मा, शीतला श्रीवास्तव, देवेंद्र साहनी, भगवानदास अग्रहरि, अशोक कुमार,  शिवनारायण जायसवाल, विनोद मद्धेशिया, सुरेश चंद्र पांडे, दीपक गुप्ता समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।