नौगढ़ में राम कथा....ध्रुव की तपस्या से भगवान को होना पड़ा द्रवित
नौगढ़ के अमरा भगवती दरबार में राम कथा के पहले दिन कथा वाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने ध्रुव की कथा सुनकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया।
नौगढ़ में राम कथा
ध्रुव की तपस्या से भगवान को होना पड़ा द्रवित
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में शक्तिपीठ मां अमरा भगवती के दरबार में श्री राम कथा के पहले दिन शुक्रवार को हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच कथा वाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने ध्रुव की कथा प्रस्तुत की।
कथा वाचिका ने उस समय का वृतान्त सुनाया जब ध्रुव अपने पिता उत्तानपाद की गोद में बैठे खेल रहे थे। इतने में उनकी सौतेली मां सुरूचि पहुंच गई। ध्रुव को उत्तानपाद की गोद में खेलता देखकर उसका पारा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। सौतन के पुत्र को अपने पति की गोद में देखकर वह अपना संतुलन खो बैठी।
कथावाचिका शालिनी त्रिपाठी ने आगे बताया कि सुरूचि का मन ईर्ष्या से जल उठा। उसने झपटकर ध्रुव को राजा की गोद से खींच लिया और अपने पुत्र उत्तम को राजा की गोद में बैठा दिया और ध्रुव पर क्रोधित होकर बोली अरे मूर्ख राजा की गोद में वही बालक बैठ सकता है जो मेरी कोख से उत्पन्न हुआ हो। पांच वर्ष के ध्रुव को अपनी सौतेली मां के व्यवहार पर क्रोध आया। उन्होंने सारी बात अपनी मां को बताई।
मां ने ध्रुव से कहा कि बेटा तुम्हारी सौतेली मां के प्रेम में तुम्हारे पिता हमसे दूर हो गए हैं। तुम भगवान को अपना सहारा बनाओ। माता के वचन सुनकर ध्रुव को ज्ञान उत्पन्न हुआ और वह घर छोड़कर भगवान की भक्ति के लिए चल पड़े। रास्ते में उनकी भेंट देवार्षि नारद से हुई। उन्होंने बालक ध्रुव को समझाया, किंतु ध्रुव भगवान को पाने की जिद पर अड़े रहे। बालक के दृढ़ संकल्प को देखते हुए नारद जी ने मंत्र की दीक्षा दी।
ध्रुव ने नारद जी से मिले मंत्र से भगवान नारायण की तपस्या प्रारंभ कर दी। तपस्या के दौरान अनेक प्रकार की समस्याएं आईं परंतु वह डिगे नहीं। ध्रुव की कठोर तपस्या देखकर भगवान नारायण की योग निन्द्रा टूट गई और उन्होंने प्रसन्न होकर ध्रुव को दर्शन दिए और ध्रुव को वह लोक प्रदान किया, जिसके चारों ओर ज्योतिष चक्र घूमता है। इस लोक में 36 सहस्र वर्ष तक तुम पृथ्वी पर शासन करोगे। नारायण का वरदान पाकर ध्रुव तारा बन गए।
इस मौके पर कथा में प्रमुख रूप से ज्ञान प्रकाश सिंह, सुरेंद्र नाथ दुबे, रामनरेश उर्फ बच्चा यादव, रामअलम यादव, रवि पांडे, अनिल यदुवंशी, शिवअवम्ब, अनूप पांडे, सोनू यादव आदि का विशेष सहयोग रहा।