रामकथा में शिव विवाह.. भूत पिशाच बन गए बाराती
 

नौगढ़ में राम कथा के दूसरे दिन कथा वाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने कहा कि पृथ्वी पर जब धर्म की हानि होती है, तब भगवान प्रकट होते हैं ।

 
नौगढ़ में रामकथा 

चंदौली जिले के नौगढ़ में राम कथा के दूसरे दिन कथा वाचिका शालिनी त्रिपाठी ने कहा कि  कलयुग में श्रीराम कथा का श्रवण सबसे बड़ा धर्म है। पृथ्वी पर जब धर्म की हानि होती है, तब भगवान प्रकट होते हैं। भगवान राम, कृष्ण की तरह अवतरित होकर धर्म की रक्षा करते हुए पापियों का नाश करते हैं। 

 विकास खंड नौगढ़ के नर्वदापुर गांव में मां अमरा भगवती मंदिर पर चल रही रामकथा में भगवान शिव की बारात एवं माता सती की कथा हुई। कथा सुनने के लिए दूर दराज से भक्तगण पहुंचे थे। कथा मर्मज्ञ शालिनी त्रिपाठी ने शिव विवाह का वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं को बताया कि भगवान शिव की बारात अद्भुत रही।

भगवान शिव की बारात जब हिमाचल पहुंची तो माता पार्वती के माता- पिता और वहां मौजूद प्रजा बारात में सम्मिलत भूूत, प्रेम, औघड़ को देखकर चकित रह गए। भगवान शिव की बारात में भगवान विष्णु और ब्रम्हा देव सहित देवता भी सम्मिलत रहे।


 कथावाचिका ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान शिव सभी त्याज्य वस्तुओं को अपनाकर उसका सम्मान बढ़ाया, उन्होंने अमृत को छोड़कर विष को कमनीय पुष्पों की माला को छोड़ कर सफेद फूलो को अपनाया। इतना ही नही मेवा पकवानों को छोड़कर बेलपत्र और धतूरा से संतुष्ट होना शिव जी के परोपकारी होने का अनुकरणीय उदाहरण है। 


कथा के समापन पर सभी श्रद्धालुओं को प्रसादी वितरित किया गया। इस मौके पर व्यास अरुण कृष्ण शास्त्री, ज्ञान प्रकाश सिंह, सुरेंद्र दुबे, रामनरेश उर्फ बच्चा यादव, मनोज पांडे, अनिल यदुवंशी, राम अलम, चंद्रिका यादव, दधिबल यादव,  शिवअवलम्ब समेत भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।