नौगढ़ में शुरू हुआ वन्य जीव प्राणी सप्ताह, वन्य प्राणी की सुरक्षा में ही होगा मानव की सुरक्षा - प्राचार्य
राजकीय महाविद्यालय नौगढ़ में वन्य जीव प्राणी सप्ताह कार्यक्रम आयोजित
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में पर्यावरण के सजग प्रहरी पेड़- पौधे एवं पशु- पक्षी ही होते हैं। उनका संरक्षण करना मानव का धर्म है। कोरोना महामारी ने मानव को आगाह कर दिया कि मुक प्राणियों की हत्या करने के दुष्परिणाम बहुत ही भयावह हुए हैं।
आपको बता दें कि काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर वाराणसी के प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश सिंह के निर्देश पर एक से सात अक्टूबर तक चल रहे वन्य प्राणी सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय महाविद्यालय नौगढ़ में रविवार को आयोजित गोष्टी में मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ रमेश कुमार कहा कि वन्य जीवों की कम हो रही संख्या चिंतनीय विषय है। प्राणियों की कम होती संख्या हमें आगाह कर रही है कि वन्य प्राणियों का संरक्षण करना होगा तभी वन्य प्राणी सुरक्षित बचेंगे। इससे पूर्व अतिथियों ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित करते हुए नमन किया।
वन क्षेत्राधिकारी नौगढ़ रिजवान अली खान ने कहा कि सरकार ने भारतीय वन्यजीव प्रजाति को विलुप्त होने से बचाने के उद्देश्य से वर्ष 1952 में भारतीय वन्यजीव बोर्ड की थी। सन 1955 में वन्यजीव दिवस मनाया गया था जिसे बाद में 1957 में वन्य जीव सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा। ताकि लोग जागरूक होकर वन्य प्राणियों का संरक्षण करें।
ग्रामोदय संस्था के संयोजक अशोक कुमार ने कहा कि प्रकृति को सुरक्षित रखने के लिए मानव व वन्य प्राणियों का सह अस्तित्व बनाए रखना आवश्यक है। वर्तमान समय में प्राकृतिक वन क्षेत्रों की संख्या दिनों दिन घटती जा रही हैं। वन्य जीवों के बिना हमारा जीवन भी अधूरा रह जाएगा। इस मौके पर वन दरोगा गुरुदेव सिंह, वनरक्षक गौरव पाठक, बबुंदर यादव, सुरेश कुमार अश्वनी कुमार समेत महाविद्यालय के छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।