बैंकिंग सखी पंचायत भवन में बैठकर करेंगी बैंक के कई सारे काम, पैसे निकालने के अलावा और भी बहुत कुछ..

बैंकिंग सुविधाएं अब हर दरवाजे तक पहुंचेगी। इसके लिए बैंक कॉरस्पांडेंट सखी योजना की  शुरू
 

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में बैंकिंग सुविधाएं अब हर दरवाजे तक पहुंचेगी। इसके लिए बैंक कॉरस्पांडेंट सखी योजना के तहत नौगढ़ इलाके की 47 महिलाओं का चयन किया गया है। विकास खंड नौगढ़ के सभागार में बैंकिंग सेवाओं का लगातार 7 दिनों से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

 यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के स्केल 2 के सेवानिवृत्त शाखा प्रबंधक पारसनाथ ने बीसी सखियों को  बताया कि सरकार की अधिकांश योजनाओं का लाभ अब सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में दिया जा रहा है। यहां तक कि मनरेगा की मजदूरी भी बैंक खातों में ही भेजी जा रही है। इसके अलावा सम्मान निधि, पेंशन योजना, कृषि अनुदान आदि भी लाभार्थी के खाते में पहुंच रहा है। प्रधानमन्त्री व मुख्यमंत्री आवास की रकम भी सीधे बैंक खाते में आती है। खाते में आई रकम निकालने के लिए लोगों को बैंक जाना पड़ता है। रकम निकालकर बाहर निकले गांव के लोगों  के साथ धोखाधड़ी की भी घटनाएं होती रहती हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बैकिंग कॉरस्पांडेंट सखी (बीसी सखी) योजना चलाई जा रही है। 

मुख्य अतिथि ने बताया कि  बीसी सखी अपने गांव में किसी भी बैंक खातेदार के खाते से रुपये निकालने व जमा करने का कार्य करेंगी। इसके लिए उन्हें एक प्राइवेट बैंक फिना बैंक की तरफ से उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। 24 घंटे चलने वाली इन सेवा के जरिए ग्रामीण अपने घर बैठे ही रुपयों का लेन-देन कर सकेंगे। इससे योजनाओं का धन सीधे लाभार्थी के घर तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। 

इस मौके पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में एडीओ आईएसबी गुरु शरण श्रीवास्तव, मिशन मैनेजर आशीष तथा प्रशिक्षणार्थियों में आरती देवी, सोनी देवी, विभा भारती, संगीता, सीता, जान्हवी, अंकिता सिंह ममता, उर्मिला समेत इत्यादि शामिल थी।
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ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा

 खंड विकास अधिकारी सुदामा यादव ने बताया कि बीसी सखी पद पर चयनित महिलाओं को प्रशिक्षण के उपरांत कार्य प्रारंभ करने के लिए उनके स्वयं सहायता समूह के जरिए 75 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। इसमें से 50 हजार रुपये से पीओएस मशीन समेत अन्य उपकरण खरीदे जाएंगे। शेष 25 हजार रुपये ओवर ड्राफ्ट के तौर पर मिलेगा, जिससे वे रुपयों का लेन-देन शुरू कर सकें। इसके अलावा शुरुआत में छह माह के लिए इन्हें चार हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। परंतु बाद में इन्हें कमीशन एजेंट के तौर पर कार्य करना होगा।