श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कई प्रसंगों पर चर्चा, श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुन भक्त हुए निहाल
कोईलरवा हनुमान मंदिर में हुई आकाशवाणी
महराज ने निकाली तलवार
कथा व्यास ने बताया कि किस तरह देवकी के गर्भ से आठवीं संतान के पैदा होने के बाद वासुदेव जी महाराज भगवान कृष्ण को बदलकर उनकी जगह पर योग माया को लेकर आए। भगवान कृष्ण को गोकुल में यशोदा मैया की गोद में देकर आ गए। यशोदा मैया की गोद में तो कन्या पैदा हुई थी। भगवान की लीला हुई। वासुदेव जी को आकाशवाणी हुआ कि लाला को नंद बाबा के घर यशोदा मैया के पास छोड़कर कन्या को लेकर वापस कंस की जेल में आना है। नंदलाल के पैदा होने की खुशी में नंद बाबा के यहां उत्सव शुरू हो गया। बधाई देने वालों का तांता लग गया।
इधर कंस को जब पता चला कि देवकी के आठवां बच्चा पैदा हो गया है। उन्होंने बच्ची को मारने की जब कोशिश की। वह योगमाया का रूप लेकर आकाश में चली गई। वहां उन्होंने भविष्यवाणी की कि तेरे मारने वाला तो गोकुल में पैदा हो चुका है, कंस ने सभी नए जन्मे बच्चों को मारने के लिए पूरी कोशिश की परंतु वह किसी भी तरह भगवान कृष्ण का बाल भी बांका नहीं कर पाए। इस तरह से बहुत सारे अत्याचार किए परंतु भगवान अपने बाल रूप में अनेक लीलाएं करते आगे बढ़ते गए। कथा सुन रहे सभी लोगों ने भजन पर मंतर मुग्ध होकर डांस किया। कथा संयोजक यशवंत सिंह यादव ने बताया कि सभी ने मंत्रमुग्ध होकर इस कथा का श्रवण किया।
इस दौरान श्री श्री 108 स्वामी रामदास त्यागी महाराज, पुर्व विधायक शिवतपस्या पासवान, मौलाना यादव, अंबिका सोनी, श्यामजी धर, नगीना केशरी, चिरौंजी जायसवाल व मंदिर के अन्य पदाधिकारी भी शामिल रहे।