नौगढ़ में टोपी वाले बिरहा सम्राट राम जन्म जांबाज का मनाया गया जन्म दिन, राम मंदिर का स्मृति चिन्ह भेंट में
फूल-मालाओं से लादे गए कलाकार
तिलक और अंगवस्त्र से हुआ भव्य सम्मान
गांव-गांव से उमड़े प्रशंसक और बिरहा प्रेमी
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में बिरहा की दुनिया में टोपी वाले के नाम से मशहूर राम जन्म जांबाज का जन्मदिन सोमवार को देर रात उनके आवास पर धूमधाम से मनाया गया। सुबह से ही लोगों का तांता उनके दरवाजे पर लग गया। हर कोई अपने प्रिय कलाकार को जन्मदिन की बधाई देने और सम्मानित करने के लिए बेताब दिखा। इस अवसर पर गांव-गांव से लोग, प्रशंसक और बिरहा प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंचे और अपने प्रिय कलाकार को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।पूरा माहौल तालियों, बधाइयों और जयकारों से गूंज उठा।
केक काटा, फूल-मालाओं से लादे गए
जन्मदिन पर आयोजित समारोह में राम जन्म जांबाज ने पत्नी लालती देवी और समाजसेवी दीपक गुप्ता के साथ केक काटा। प्रशंसकों ने तिलक लगाकर अंगवस्त्र भेंट किया और फूल-मालाओं से उन्हें लाद दिया। वहीं जांबाज ने भी अपने अंदाज में आने वाले हर मेहमान का अंगवस्त्र और माला पहनाकर स्वागत किया। यह आत्मीयता देख लोग भावुक हो उठे। यह अंदाज समारोह को और खास बना दिया।
नौगढ़ के जंगल से निकले, देश भर में गूंज उठी आवाज
आपको बता दें कि राम जन्म जांबाज का जीवन संघर्ष की मिसाल है। साधारण परिवार और कर्मनाशा नदी में तैरते हुए बाघी गांव की चौपाल से निकले इस कलाकार ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर ऐसी ऊंचाइयों को छुआ, जहां पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं। कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी गायकी से पूरे पूर्वांचल में पहचान बनाई। आज देश के हर कोने-कोने तक अपनी आवाज पहुंचा दी है। जंगल से निकला यह स्वर अब लोगों की धड़कन बन चुका है।
आकाशवाणी और महुआ चैनल से मिली पहचान, अब मंचों से यूट्यूब तक गूंज
रामजन्म जांबाज सिर्फ मंचों तक सीमित नहीं रहे। उनकी दमदार गायकी ने उन्हें आकाशवाणी वाराणसी और महुआ चैनल जैसे बड़े मंचों पर जगह दिलाई। यहां से उनकी कला ने घर-घर में जगह बनाई। उनके गीतों में गांव की मिट्टी की खुशबू, किसानों की पीड़ा और समाज की हकीकत झलकती है। यही कारण है कि आज में सिर्फ एक कलाकार नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल की आवाज बन चुके हैं। वहीं अब डिजिटल युग में उनका जादू यूट्यूब पर भी छा गया है। हजारों-लाखों लोग उन्हें रोजाना सुनते और देखते हैं। उनके गीतों में लोक संस्कृति का असली रंग झलकता है, यही वजह है कि उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
जंगल से निकलकर बन गए देश की आवाज
पंचायत बाघी के प्रधान प्रतिनिधि दीपक गुप्ता ने इस मौके पर कहा की राम जन्म जांबाज सिर्फ एक गायक नहीं, बल्कि लोकसंस्कृति के प्रहरी बन चुके हैं। उनकी गायकी ने बिरहा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। लोग उन्हें सिर्फ कलाकार नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति और परंपरा की आवाज मानते हैं।
सनराइज पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल राजू पांडे ने जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि जांबाज ने इस कला को नई ऊंचाइयां दी है और आज उनका नाम बिरहा की दुनिया में सम्मान से लिया जाता है। जांबाज ने साबित कर दिया है कि संघर्ष की राह आसान नहीं होती, लेकिन जो डटा रहता है वही इतिहास लिखता है। आज उनका नाम न सिर्फ पूर्वांचल, बल्कि देशभर के हर उस व्यक्ति की जुबां पर है जो बिरहा और लोकगायन से जुड़ाव रखता है।
चंदौली समाचार की ओर से बधाई ....
राम जन्म जांबाज अब सिर्फ “टोपी वाले कलाकार” नहीं रहे, बल्कि देश की मिट्टी की वह गूंज बन गए हैं जो पीढ़ियों तक सुनाई देती रहेगी।