नौगढ़ में बैंक आफ बड़ौदा व चंदौली पुलिस की अनोखी पहल, रक्षाबंधन के पहले बांटी  राखी व मीठे का डिब्बा
 

कप्तान साहब ने कहा कि अगर आपकी बात थाना पर कोई नहीं सुन रहा  है तो, सीओ  दफ्तर जाइए और अपनी समस्या बताइए और वहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो मुझे कॉल करिए या सीधे मेरे दफ्तर आकर बताइए।
 

नौगढ़ में आयोजित जनता संवाद  कार्यक्रम का आयोजन

भाइयों की कलाई पर बांधने के महिलाओं को दिया तोहफा

राखी और मीठे का डिब्बे देकर गरीब महिलाओं की मदद

चंदौली जिले के नौगढ़ थाना प्रभारी और क्षेत्राधिकारी आपकी फरियाद नहीं सुन रहे हैं तो मुझे कॉल करिए या मेरे दफ्तर आइए। हर हालत में जनता की बातें इनको सुनना होगा। ये बातें मंगलवार को सायंकाल बैंक आफ बड़ौदा और चंदौली पुलिस के तत्वाधान में थाना नौगढ़ में आयोजित जनता संवाद  कार्यक्रम में नौगढ़ और चकरघट्टा थाना क्षेत्र के जेल से छूटकर जमानत पर रह रहे 65 पूर्व नक्सलियों से संवाद करते हुए एसपी डॉ अनिल कुमार ने कही।

 रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर अधिकारियों ने नक्सली परिवार के सदस्यों को साड़ी, छाता, मीठे  का डिब्बा के साथ ही महिलाओं को भाईयों की कलाई पर बांधने के लिए राखी भी प्रदान किया। एसपी ने पूर्व नक्सली परिवारों को विकास की मुख्य धारा से जुड़े रहने की अपील करते हुए हर संभव मदद करने का भरोसा दिया।

कप्तान साहब ने कहा कि अगर आपकी बात थाना पर कोई नहीं सुन रहा  है तो, सीओ  दफ्तर जाइए और अपनी समस्या बताइए और वहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है तो मुझे कॉल करिए या सीधे मेरे दफ्तर आकर बताइए। हम आपकी पूरी मदद करेंगे।  नक्सली रहे चंद्रिका कोल की फरियाद पर एसडीएम आलोक कुमार ने कहा कि भूमिहीन नक्सली परिवारों को जमीन का पट्टा करने के साथ मुख्यमंत्री आवास, शौचालय और अन्य सरकारी सुविधाओं से  संतृप्त किया जाएगा। अगर और भी समस्याएं होंगी तो जनता दर्शन और तहसील दिवस में आकर अपनी व्यथा बता सकते हैं। प्राथमिकता के आधार पर  सुनवाई होगी।

इस मौके पर उप क्षेत्रीय प्रबंधक बैंक ऑफ बड़ौदा राकेश कुमार, एएसपी आपरेशन सुखराम भारती, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सुजीत सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवान दास अग्रहरि, व्यापार मंडल अध्यक्ष सूरज केसरी, थाना प्रभारी अतुल कुमार प्रजापति, थानाध्यक्ष चकरघटृटा राजेश कुमार सहित पूर्व नक्सली उपस्थित रहे।


साहब, जेल से आने के बाद आश्वासन बहुत मिला.. हुआ कुछ नहीं

पूर्व नक्सली चंद्रिका कोल ने कहा कि दस साल पहले जेल से छूटकर आने पर अधिकारियों के द्वारा योजनाओं का लाभ दिलाने का आश्वासन मिला था। लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। बच्चों को पढ़ने लिखाने और परिवार का भरण पोषण में काफी परेशानी हो रही है। हम लोग जंगल में रहते हैं। वन विभाग के लोग बेदखल करने की धमकी देकर प्रताड़ित करते रहे हैं। हम लोगों को जीव कोपार्जन के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिया जाए।