वन विभाग पर भाकपा-माले का हल्लाबोल : नौगढ़ में लहलहाती फसलों पर चली JCB, माले ने दी प्रशासन को बड़ी चेतावनी

चंदौली के नौगढ़ में वन विभाग की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के खिलाफ भाकपा (माले) ने मोर्चा खोल दिया है। 9 जनवरी को होने वाले लाठी मार्च के जरिए पार्टी ने गरीबों के घरों और खेतों पर चल रही जेसीबी को मौके पर ही रोकने का ऐलान किया है।
 

9 जनवरी को लाठी मार्च का ऐलान

बिना नोटिस फसलें रौंदने का आरोप

वनवासियों की झोपड़ियों पर चली जेसीबी

मिर्जापुर तक आंदोलन फैलाने की चेतावनी

चंदौली जनपद अंतर्गत तहसील नौगढ़ में जिलाधिकारी के निर्देश पर चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान ने अब एक बड़े राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन का रूप ले लिया है। वन विभाग द्वारा जंगल बचाने के नाम पर गरीबों, दलितों और वनवासियों की झोपड़ियों और लहलहाती फसलों पर जेसीबी चलाने की कार्रवाई से क्षेत्र में भारी जनाक्रोश व्याप्त है।

इसी के विरोध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी भाकपा (माले) ने सीधे संघर्ष का ऐलान किया है। पार्टी ने आगामी 9 जनवरी को नौगढ़ वन रेंज कार्यालय पर विशाल 'लाठी मार्च' निकालने और वन विभाग की दमनकारी कार्रवाई को मौके पर ही रोकने का संकल्प लिया है।

बिना नोटिस और सीमांकन के कार्रवाई पर सवाल
भाकपा (माले) के नेताओं का आरोप है कि वन विभाग के रेंजर और अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना, बिना आधिकारिक सीमांकन और बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के सीधे गरीबों के खेतों में जेसीबी उतार रहे हैं। अतरवा गांव में हुई पार्टी की दो दिवसीय बैठक में नेताओं ने कहा कि सिंचाई के समय लहलहाती सरसों की फसलों को बेरहमी से रौंद दिया गया और वर्षों पुरानी झोपड़ियों को गिरा दिया गया।

आंदोलन की तैयारी करते भाकपा माले के नेता

पार्टी ने सवाल उठाया कि जिन इलाकों में रसूखदार भूमाफियाओं ने पक्के निर्माण कर रखे हैं, वहां विभाग की जेसीबी क्यों शांत है? क्या कानून केवल गरीबों को उजाड़ने के लिए है या बड़े माफियाओं पर भी कार्रवाई होगी?

मौके पर रुकवाएंगे काम: अनिल पासवान
भाकपा (माले) के जिला सचिव कामरेड अनिल पासवान ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन केवल प्रतीकात्मक या कागजी नहीं होगा। उन्होंने घोषणा की कि यदि किसी भी गांव में दोबारा किसानों के खेतों में गड्ढे खोदे गए या गरीबों के घर गिराए गए, तो पार्टी कार्यकर्ता ग्रामीणों के साथ मिलकर मौके पर खड़े होंगे और शारीरिक रूप से इस कार्रवाई को रोकेंगे।

पासवान ने कहा कि पार्टी गरीबों को केवल समर्थन नहीं, बल्कि संगठनात्मक सुरक्षा भी प्रदान कर रही है। अब किसी का खेत उजड़ा तो उसकी सीधी जवाबदेही वन विभाग और स्थानीय प्रशासन की होगी।

बुलडोजर राज के खिलाफ राज्यव्यापी गुस्सा
पार्टी की बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए राज्य सचिव कामरेड सुधाकर यादव ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज पूरे उत्तर प्रदेश में 'बुलडोजर राज' के जरिए न्याय को कुचला जा रहा है। एक तरफ जघन्य अपराधियों को संरक्षण मिलता है, वहीं दूसरी तरफ नौगढ़ जैसे सुदूर अंचलों में गरीबों की पुश्तैनी जमीनों पर जेसीबी चलाई जा रही है।

उन्होंने उन्नाव कांड का उदाहरण देते हुए कहा कि न्याय प्रणाली में दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। यादव ने चेतावनी दी कि यदि नौगढ़ में दमन नहीं रुका, तो इस आंदोलन की आग मिर्जापुर के हलिया और लालगंज तक फैलाई जाएगी।

आंदोलन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी
अतरवा गांव में कामरेड रामेश्वर प्रसाद के आवास पर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य स्थायी समिति सदस्य कामरेड रामप्यारे राम, राज्य कमेटी सदस्य कामरेड ठाकुर प्रसाद सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने रणनीति तैयार की। नेताओं ने आह्वान किया कि 9 जनवरी का लाठी मार्च ऐतिहासिक होगा और यह वन प्रशासन को यह संदेश देगा कि वनवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करना आसान नहीं होगा। पार्टी ने साफ कर दिया है कि यह संघर्ष शांतिपूर्ण होगा, लेकिन अन्याय के खिलाफ पूरी मजबूती और लाठी के दम पर लड़ा जाएगा।