बिना डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के चल रहा था अस्पताल, ऐसे करने पड़ी छापेमारी
 

अस्पताल में मानकों की अनदेखी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूरे अस्पताल के अंदर कहीं पर भी किसी डॉक्टर का नाम अंकित नहीं था, जिससे यह पता लग सके कि यहां कौन सा डॉक्टर पंजीकृत है। 
 

प्राइवेट हॉस्पिटलों को चला रहे हाई स्कूल पास लोग

सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद छापेमारी

खुली नौगढ़ इलाके में एक और पोल

चंदौली जिले के नौगढ इलाके में बिना मानक व अधूरे कागजातों पर संचालित अस्पतालों पर शिकंजा कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। कस्बा नौगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को एक मकान में प्राइवेट हॉस्पिटल बिना डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के चलता हुआ मिला। इसे एक  झोलाछाप अपनी पत्नी के साथ चलाता हुआ मिला।‌ वह खुद ही मरीजों की जांच, इलाज और ऑपरेशन तक करता है।

 इस दौरान हाई स्कूल पास लोग भी अस्पताल में मिले। कस्बा स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की गली में सकलडीहा निवासी सुजीत कुमार ने कोविड कल से ही आशीर्वाद हॉस्पिटल के नाम से प्राइवेट अस्पताल खोल रखा है। किसी ने बिना चिकित्सक के ऑपरेशन की शिकायत सीएम पोर्टल पर किया है। शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बृहस्पतिवार को सीएमओ डॉ युगल किशोर राय  के निर्देश पर  नोडल अफसर डॉ अनूप कुमार ने अपनी टीम के साथ अस्पताल में छापा मारा तो कोई डिग्री धारी डॉक्टर नहीं मिला और ना ही प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ वहां काम करता है।

मेडिकल स्टोर का धंधा में जोरों पर
अस्पताल में मानकों की अनदेखी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूरे अस्पताल के अंदर कहीं पर भी किसी डॉक्टर का नाम अंकित नहीं था, जिससे यह पता लग सके कि यहां कौन सा डॉक्टर पंजीकृत है।  अस्पताल में एक मेडिकल स्टोर भी संचालित था जहां से दवाएं मरीजों को दी जाती हैं। ‌संचालक ने उसका भी लाइसेंस नहीं दिखाया।

इस मामले में डिप्टी सीएमओ डॉ अनुप कुमार ने बताया कि अस्पताल के अभिलेखों के अनुसार आशीर्वाद हॉस्पिटल में रजिस्टर्ड डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ नहीं मिले। जिस डॉक्टर का नंबर बताया गया उसका मोबाइल स्विच ऑफ था। ‌एंबुलेंस भी नहीं मिला। ‌अस्पताल को सील करने हेतु इसकी रिपोर्ट सीएमओ और जिलाधिकारी को की जा रही है।


हैरानी की बात है कि मरीज के जान गंवाने के बाद ही अफसर हरकत में आते हैं, फिर अस्पताल सीज होने की कार्रवाई होती है जो निर्धारित जुर्माना जमा कर उसकी रसीद और मानक पूरा करने के बाद अस्पताल का संचालन करने लगते हैं।