नौगढ़ में डायरिया का प्रकोप, मगरही गांव में मची है हाहाकार, मरीजों की संख्या बढ़कर 95 पहुंची
 

एसीएमओ डॉ. विजय प्रकाश ने चंदौली समाचार को बताया कि गांव मगरही में 75 लोग बीमार पाए गए थे। इनमें युवाओं से लेकर बच्चे व बुजुर्ग तक शामिल थे।  हालांकि अब तक कुल 35 मरीज सीएचसी नौगढ़ में दाखिल हुए हैं।
 

चकिया और शहाबगंज से मदद के लिए बुलाना पड़ा एंबुलेंस

गांव में अस्थाई डिस्पेंसरी खोली गई

मरीजों की संख्या बढ़कर 95 पहुंची

पूरे इलाके में है दहशत का माहौल  

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ के मगरही गांव में डायरिया का प्रकोप बढ़ने से लोगों में दहशत का माहौल है। अब तक 95 मरीज इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 21 मरीज की हालत काफी गंभीर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य मरीजों का गांव में ही इलाज चल रहा है।

आपको बता दें कि डायरिया के प्रकोप ने मगरही गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। ऐसे में हालत गंभीर होने पर  चकिया और शहाबगंज से मरीजों को लाने और ले जाने के लिए एंबुलेंस मंगाना पड़ा। डायरिया प्रभावित गांव में प्रधान प्रतिनिधि अजय यादव की सूचना पर   दोपहर में  एसीएमओ डॉ विजय प्रकाश व संचारी रोग विभाग के डॉ शरद चंद्र मिश्रा, अधीक्षक डॉ अवधेश पटेल के साथ डायरिया प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने गांव के लोगों को  दूषित पानी पीने से होने वाली बीमारियों बारे भी जागरूक किया।


 एसीएमओ डॉ. विजय प्रकाश ने चंदौली समाचार को बताया कि गांव मगरही में 75 लोग बीमार पाए गए थे। इनमें युवाओं से लेकर बच्चे व बुजुर्ग तक शामिल थे।  हालांकि अब तक कुल 35 मरीज सीएचसी नौगढ़ में दाखिल हुए हैं, लेकिन इनमें से 30 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी देकर घरों को वापस भेज दिया गया है। साथ ही बताया कि गांव में  पानी के तीन सैंपल और स्टूल के 15 और नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।

उधर, गांव में  अस्थायी तौर पर स्थापित की गई डिस्पेंसरी में बीमार लोगों का इलाज जारी है। मरीजों की जांच के बाद उन्हें जरूरी दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इसके अलावा रेफरल सुविधा के लिए एंबुलेंस समेत अन्य पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। साथ ही लोगों को हाथों को बार-बार धोने, पानी उबाल कर ठंडा करके पीने, खाने-पीने वाली चीजों को ढककर रखने संबंधी भी जागरूक किया जा रहा है। जरूरतमंद लोगों में ओआरएस के पैकेटों का वितरण व पानी को शुद्ध करके पीने के लिए क्लोरीन की गोलियां बांटी जा रही हैं।