कोटेदार के द्वारा राशन न देने से मायूस लौटे विद्यार्थी व अभिभावक
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चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत मझगाई में कोटेदार के द्वारा राशन न देने से विद्यार्थी व अभिभावक मायूस लौट गए जो कि इस कोरोना जैसी महामारी के चलते पुरे देश मे लाँक डाउन लगाया गया था।
बताते चले कि इस लाक डाउन के पश्चात पुरे देश मे सभी प्रकार के उद्योग ,धंधा ,विद्यालय इत्यादि को कोरोना के चलते बन्द कर दिया गया ।
जिसके चलते प्राथमिक विद्यालय व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मे बच्चों के लिए मिडडे मिल का भोजन दोपहर मे बनता था और विद्यालय में उपस्थित बच्चो को खाने के लिए दिया जाता था।
लेकिन जब से लाक डाउन लगा तब से पुरे देश के विद्यालयों को बन्द कर दिया गया था। उसी समय से बच्चों को दी जाने वाली भोजन को सरकार द्वारा निर्देश दिया गया की जितने दिन स्कूल बन्द रहेंगे उनमें से तीन माह का राशन जोड़कर स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान (कोटेदार) के माध्यम से दिया जाएगा।
उसी क्रम मे मझगाई के स्कूली बच्चें स्कूल से एक फार्मेट लेकर जब सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर गये तो कोटेदार द्वारा बोला गया कि यह पर्ची या फार्मेट गलत है तो अभिभावकों ने तुरन्त स्कुल के अध्यापकों के यहाँ गये तो अध्यापक किरन को यह पूरी वारदात बताए तो मौके पर अध्यापक पहुच कर कोटेदार से बात करने लगे तो कोटेदार स्कुल के अध्यापक को डाट फटकार कर उन्हे भी भगा दिए। इस प्रकार का मामला नौगढ़ ब्लाक मे चल रहा है और कोटेदारों के उपर कोई कारवाई ना होने पर उन लोगो का हौसला बुलंन्द हो रहा है।
वही गाँव के लोंगो का कहना है कि यह वारदात गाँव के उपस्थित बच्चों के अभिभावक के साथ कोटेदार के मनमाने इस रवैये से क्षुब्ध होकर इस मामले को सोशल मिडिया ग्रुपो में भेज कर बता रहे हैं यह जानकारी सोशल मीडिया ग्रुप से ही प्राप्त हो रही है।