नौगढ़ में कक्षा में प्रोजेक्टर देख रहे छात्र को कुत्ते ने नोंचा, क्लास छोड़कर भागे बच्चे
 

विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था इतनी लचर क्यों है कि प्रोजेक्टर क्लास के बीच एक आवारा कुत्ता अंदर घुस गया। बच्चे चीखते-चिल्लाते बाहर भागे लेकिन मेराज कुत्ते का शिकार बन गया।
 

खून से लथपथ बच्चे को घर के बाहर छोड़ गए मास्टर

होंठ-तालू-जीभ कटे

अस्पताल ले जाने के बजाय मास्टर ने दरवाजे पर छोड़ दिया .... 

चंदौली जिले की तहसील नौगढ़ के ग्राम पंचायत बाघी स्थित कंपोजिट विद्यालय में शनिवार सुबह कक्षा चार का छात्र मेराज पुत्र आसिफ अली प्रोजेक्टर पर पढ़ाई कर रहा था। तभी अचानक एक आवारा कुत्ता कक्षा में घुसा और सीधे उसके चेहरे पर हमला कर दिया। हमले में छात्र का होंठ, तालू और जीभ बुरी तरह कट गए और वह खून से लथपथ होकर तड़पने लगा।

पढ़ाई के बीच कुत्ता कैसे पहुंचा प्रोजेक्टर कक्षा में?

सबसे बड़ा सवाल यह है कि विद्यालय में सुरक्षा व्यवस्था इतनी लचर क्यों है कि प्रोजेक्टर क्लास के बीच एक आवारा कुत्ता अंदर घुस गया। बच्चे चीखते-चिल्लाते बाहर भागे लेकिन मेराज कुत्ते का शिकार बन गया। हमले के बाद मासूम मेराज का चेहरा बुरी तरह जख्मी हो गया। होंठ बाहर लटक गए, तालू और जीभ तक कट गए। छात्र खून से लथपथ हालत में दर्द से तड़पता रहा और साथी छात्र भय से सहमकर भाग खड़े हुए।

मास्टर ने अस्पताल क्यों नहीं पहुंचाया, दरवाजे पर क्यों छोड़ा?

सबसे गंभीर आरोप अध्यापकों पर लगा। मौके पर पहुंचे अध्यापक घायल बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की बजाय उसके घर के दरवाजे पर छोड़ आए। सवाल उठ रहा है कि क्या यही एक अध्यापक का कर्तव्य है? अगर परिवारजन समय पर न ले जाते तो बच्चे की जान भी खतरे में पड़ सकती थी।

दरवाजे के बाहर खून से लथपथ बच्चे को तड़पता देख परिजन जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो डॉ. सुनील सिंह ने बताया कि होंठ, तालू और जीभ बुरी तरह कट चुके हैं। ऐसी हालत में केवल सर्जन ही इलाज कर सकते हैं। डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार कर छात्र को तुरंत कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

अभिभावकों का आक्रोश, कुत्तों का आतंक

घायल छात्र के पिता आसिफ अली ने साफ कहा कि मास्टरों ने जिम्मेदारी नहीं निभाई। ग्रामीणों ने बताया कि नौगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि रोजाना 10 से 20 लोग इनके हमलों का शिकार हो रहे हैं। 15 अगस्त को भी चार बच्चों को कुत्तों ने दौड़ा लिया था। लोगों का आरोप है कि प्रशासन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाल सका है।