नौगढ़ में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस, जागरूकता अभियान का हुआ आयोजन

महिला चिकित्सक डॉ. रश्मि सिंह ने भी मानसिक स्वास्थ्य पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, "मानसिक रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है।
 

चिकित्सकों ने बताए तनाव से बचने के उपाय

हर दिन पर्याप्त नींद लेना है जरूरी

जानिए डॉ रश्मि ने दी और क्या सलाह

चंदौली जिले के नौगढ़ में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को एक जागरूकता अभियान और गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों को जागरूक करना और तनावपूर्ण जीवनशैली से बचने के उपायों पर चर्चा करना था।

इस दैरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अवधेश पटेल ने मानसिक स्वास्थ्य के गिरते स्तर का प्रमुख कारण आज की तेज़-तर्रार और व्यस्त जीवनशैली को बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों में पढ़ाई और परीक्षा का अत्यधिक दबाव, वयस्कों में कामकाज की चुनौतियाँ, और दिनभर मोबाइल व इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग, मानसिक तनाव का मुख्य कारण बनते जा रहे हैं। ऐसे में मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरूरी है कि लोग पर्याप्त नींद लें, नियमित शारीरिक गतिविधियों में भाग लें और संतुलित जीवनशैली अपनाएं।

महिला चिकित्सक डॉ. रश्मि सिंह ने भी मानसिक स्वास्थ्य पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, "मानसिक रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। इसका समय पर इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए सबसे पहले इसे पहचानना और स्वीकार करना जरूरी है।" उन्होंने यह भी सलाह दी कि लोग मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया से थोड़ी दूरी बनाकर अपने परिवार, दोस्तों और परिचितों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। सामाजिक जुड़ाव से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और तनाव कम होता है।

डॉ. सुनील और डॉ. अजीत ने मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए योग और ध्यान की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि नियमित योग, ध्यान और मेडिटेशन से मानसिक शांति मिलती है और मनोविकारों से बचाव होता है। कार्यक्रम में डॉ. प्रतिभा और डॉ. चंद्रा ने भी मानसिक रोगों के लक्षणों और उनसे बचने के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी।

इस मौके पर गोष्ठी में उपस्थित लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं। इस मौके पर यारों रवि प्रकाश सिंह, बीपीएम अरविंद यादव, सीएचओ सर्वजीत, चांदनी, कल्पना, आलोक, सुशील, रजनी और सविता सहित कई स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य यह संदेश फैलाना था कि मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल भी उतनी ही जरूरी है जितनी शारीरिक स्वास्थ्य की। तनाव, अवसाद, चिंता जैसी मानसिक समस्याओं से बचने के लिए पर्याप्त नींद, सही दिनचर्या और सामाजिक जुड़ाव अत्यंत आवश्यक हैं।