कई किमी दूर से महिलाएं लाती हैं पेयजल, कभी आप भी गांव में घूम आइए बीडीओ साहब

धोबहीं गांव महिलाएं और बच्चे कड़ी धूप में कर्मनाशा नदी तक कई किमी का चक्कर लगाकर पीने का पानी लाना पड़ रहा है। हर घर नल योजना भी उनकी प्यास नहीं बुझा पा रही है।
 

कब और कैसे होगा पेयजल की समस्या का समाधान

सरकारी टैंकर से भी नहीं मिल रहा है पूरा पानी

महिलाओं और बच्चियों को ढोना पड़ता है दूर से पानी

चंदौली जिले के नौगढ़ पर्वतीय क्षेत्र के धोबहीं गाँव में पेयजल संकट ग्रामीणों के जी का जंजाल बन गया है। इससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हैंडपंप से लेकर कुएं तक जवाब दे चुके हैं। आलम यह है कि भीषण गर्मी में प्यास बुझाने के लिए महिलाओं और बच्चियों को कई किमी दूर कर्मनाशा नदी से पानी लाना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि धोबहीं गांव महिलाएं और बच्चे कड़ी धूप में कर्मनाशा नदी तक कई किमी का चक्कर लगाकर पीने का पानी लाना पड़ रहा है। हर घर नल योजना भी उनकी प्यास नहीं बुझा पा रही है। सरकारी टैंकर भी पर्याप्त पानी नहीं दे पा रहे हैं।

बताते चलें कि धोबहीं गांव में संपर्क मार्ग नहीं है। गांव की महिलाएं और बच्चियां दो पहाड़ियों का चक्कर लगाकर जंगली पगडंडियों के सहारे चलकर ब्लॉक तहसील मुख्यालय बाजार और फिर अस्पताल के रास्ते कर्मनाशा नदी तक पहुंचती हैं। वे कई किमी दूर से पानी सिर पर लादकर लाती हैं। उधर, सेमर साधीपुर ग्राम पंचायत के राजस्व गांव होरिला और धोबहीं में लगभग 150 लोगों की आबादी को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए पांच सरकारी हैंडपंप लगाए गए हैं। हर वर्ष जलस्तर नीचे चले जाने पर गर्मी में ये हैंडपंप 'सफेद हाथी' सिद्ध हो रहे हैं। हैंडपंप और कुएं सूखने से गांववासियों को परेशानी होती है।

सरकारी हैंडपंपों की खराब रीबोरिंग का आरोप

घोवहीं गांव के शंकर, महावीर, सुरेंद्र, गोपी, रामेश्वर, उर्मिला, राधिका, प्रभावती, गुलाबी, कौशिल्या, रामरती, मुनिया और मालती सहित कई लोगों ने आरोप लगाया कि सरकारी हैंडपंपों की रीबोरिंग काफी खराब की गई है। इससे गर्मी में जलस्तर खिसकने से हैंडपंप पानी छोड़ देते हैं। उनका कहना है कि हैंडपंपों की पाइप छड़ें और उनके सिलेंडर घटिया क्वालिटी के हैं। आरोप है कि निर्धारित मानक के अनुरूप हैंडपंप नहीं लगने से पेयजल संकट हैं।

जलस्तर नीचे जाने से जल संकट : बीडीओ

खंड विकास अधिकारी  अमित कुमार ने बताया कि गर्मी में जलस्तर काफी नीचे जाने से धोबहीं समेत कई गांवों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। इस समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल पीना का पानी टैंकर से दिया जा रहा है।