नौगढ़ में फिर मादा भालू ने किया हमला, युवक ट्राॅमा हुआ सेंटर रेफर
नौगढ़ के जंगल में दहशत का माहौल
रेंजर अमित श्रीवास्तव ने सुरक्षा के लिए दी सलाह
खेत की रखवाली करने गए थे विभूति,भालू ने हाथ, पीठ और पैर में दिये गहरे जख्म
ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से बचाई जान
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में मादा भालू की दहशत थमने का नाम नहीं ले रही है। सुबह-सुबह सेमरा कुसही गांव निवासी विभूति नारायण (55 ) पर जंगली भालू ने खेत की रखवाली के दौरान अचानक हमला बोल दिया। घटना ग्राम पंचायत लौवारी कला के लेड़हा गांव स्थित खेत में हुई। अकेला देखकर भालू झाड़ियों से निकलकर विभूति नारायण पर टूट पड़ा और हाथ, पीठ व पैर बुरी तरह नोच डाले। घायल युवक की चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण दौड़ पड़े और लाठी-डंडों से किसी तरह भालू को भगाकर विभूति को उसके चंगुल से मुक्त कराया।
108 एंबुलेंस की मदद से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ पहुंचाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने बीएचयू वाराणसी (ट्रामा सेंटर) रेफर कर दिया।
भालू पहले भी बना चुका है कई लोगों को निशाना
भालू के हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है। चंद्रप्रभा सेंचुरी और नरकटी जंगल क्षेत्र में बीते दो वर्षों में भालू ने कई ग्रामीणों पर हमला किया है — जिनमें से अधिकतर को गम्भीर चोटों के चलते ट्रामा सेंटर रेफर किया जा चुका है।
25 जनवरी 2024 को नरकटी जंगल में बकरी चराने गए विमलेश पाल पर हमला के बाद चेहरे, हाथ-पैर व शरीर पर गहरे घाव, ट्रामा सेंटर रेफर।
7 फरवरी 2024 — जलावनी लकड़ी लेने गए लालबरत कोल (28 वर्ष) पर हमला किया। गंभीर रूप से घायल के बाद ट्रामा सेंटर रेफर।
4 मार्च 2024 — सरसों काटने गए राम भवन पर हमला; इलाज के दौरान हालत बिगड़ी, ट्रामा सेंटर रेफर।
4 मई 2024 — नरकटी जंगल में लकड़ी लेने गई अनीता पर हमला; गंभीर रूप से घायल, ट्रामा सेंटर रेफर।
17 जुलाई 2023 — बकरी चराने गए राम कृत कोल पर हमला; गंभीर घायल, ट्रामा सेंटर रेफर।
लगातार हो रही घटनाओं से ग्रामीणों में भय व आक्रोश दोनों व्याप्त है। लोग वन विभाग से जंगल क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वहीं वन विभाग के अधिकारी अपनी तरह की एक अलग दलील दे रहे हैं।
रेंजर अमित श्रीवास्तव बोले-बिना सूचना जंगल न जाएं
वन क्षेत्राधिकारी अमित श्रीवास्तव ने कहा कि “नौगढ़ रेंज और चंद्रप्रभा सेंचुरी क्षेत्र में यदि ग्रामीण जलावनी लकड़ी, घास, मवेशी चराने या किसी अन्य कार्य से जंगल में जाते हैं तो पहले वन विभाग को सूचना दें। अकेले जाना बिल्कुल मना है। ग्रामीण किसी वन कर्मचारी को साथ लेकर ही जाएं, ताकि जंगली जानवरों से सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।