डीएफओ साहब कान खोलकर सुन लो, समस्याएं नहीं निपटी तो करेंगे आंदोलन
वन विभाग में चल रहा है जंगल राज
मुख्यमंत्री को देंगे सारे घोटालों की जानकारी
प्रदेश अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह ने किया खुलेआम एलान
चंदौली जिले के नौगढ़ इलाके के काशी वन प्रभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची नहीं बनाई जा रही है। समस्याएं नहीं निपटी तो आंदोलन तेज करना होगा। बुधवार को नौगढ़ में चंद्रकांता वन विश्राम गृह पर वन कर्मचारी संघ चंदौली के पदाधिकारीयों के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि काशी वन्य जीव प्रभाव रामनगर में 26 साल से नौकरी करने वालों का कोई लेखा-जोखा नहीं है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की मांगों को लखनऊ में उठाया जाएगा और वन विभाग में चल रहे जंगल राज से मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे।
डीएफओ रामनगर के प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे वन क्षेत्राधिकारी पीके सिंह ने महिला कर्मियों को वर्दी प्रदान करते हुए कहा कि संघ की मांगों को पूरा करने के लिए विभाग गंभीर है। प्रभागीय वनाधिकारी ने वरिष्ठता सूची बनाने और वर्दी देने का निर्देश दे रखा है। आश्वस्त किया कि 15 अगस्त को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी वर्दी में झंडा फहराएंगे।
जिला संरक्षक रमाशंकर सिंह ने कहा कैश बुक आइटम संख्या सूचीबद्ध करने के लिए आयोग ने 17 मई 2019 को विभागाध्यक्ष को निर्देश दिया है। बावजूद इसके कर्मचारियों के विनियमितीकरण करने या समान कार्य समान वेतन दिए जाने के निर्देश पर भी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने जिलाध्यक्ष भोरिक यादव, मंत्री अफरोज खान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जै श्री, कनिष्ठ उपाध्यक्ष शिवकुमार, कोषाध्यक्ष मुंशी यादव, संयुक्त मंत्री बबुआ चौहान, संगठन मंत्री कुमारी मंजू, ऑडिटर सीमा और कार्यकारिणी के सदस्यों को माला पहनाकर स्वागत किया और उन्हें प्रमाण पत्र दिया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष भोरिक यादव ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की समस्याओं के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। हक व अधिकार की लड़ाई के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
इस मौके पर मंडलाध्यक्ष विश्वनाथ यादव, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के वरिष्ठ नेता मुरारी मौर्य, रामरतन चौहान, लाल बहादुर, असलम, गंगाराम, देवेंद्र यादव, प्रदीप, सुनील कुमार, बाबूलाल, जीतेन्द्र, बृजमोहन समेत काफी संख्या में विभिन्न रेंजों के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी उपस्थित थे।