लौवारी कला गांव के प्रधान ने खोला लेखपाल का कच्चा चिट्ठा, भूमिहीनों को नहीं मिला पट्टा, रुके पड़े हैं बहुत सारे काम
नौगढ़ में लेखपाल नौकरी नहीं राजनीति कर रहे हैं
कौन है अड़ंगेबाज लेखपाल
दिखा रहा है दादागिरी
जानिए क्यों गुस्से में हैं गांव के प्रधान
चंदौली के तहसील नौगढ़ में देवेंद्र कुमार नाम के लेखपाल गंभीर आरोप लगा है। आरोप सिर्फ लापरवाही का नहीं, बल्कि खुले आम प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना और 'राजनीतिक ठसक' दिखाने का है। एसडीएम से लेकर ग्राम प्रधान तक की बात न मानना, बैठक में न पहुंचना और गांव की हर विकास योजना को जानबूझकर ठप कर देना—ये सब मिलकर साबित कर रहा है कि लेखपाल अब नौकरी नहीं, नेतागिरी कर रहा है।
तहसील नौगढ़ में शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में पंचायत लौवारी ग्राम प्रधान यशवंत सिंह यादव ने एसडीएम विकास मित्तल को पत्र देकर लेखपाल की करतूतों का कच्चा चिट्ठा खोला। प्रधान का कहना है कि 20 जून को एसडीएम के आदेश पर पंचायत भवन में वनाधिकार से जुड़ी अहम बैठक बुलाई गई थी, लेकिन लेखपाल देवेंद्र कुमार जानबूझकर गायब रहा।
लेखपाल नहीं चाहता गांव का विकास हो
लेखपाल की लापरवाही का असर यह है कि गांव में पंचायत भवन का निर्माण, नाली-खड़ंजा, चक रोड, खेलकूद मैदान जैसे ज़रूरी कार्य सालों से ठप पड़े हुए हैं। जिस जमीन पर इन कार्यों के लिए सीमांकन होना था, वहां लेखपाल एक इंच भी नापी करने को तैयार नहीं है। लेखपाल गांव सभा की जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को लेकर भी वह आंखें मूंदे बैठा हुआ है।
नेताजी की चुप्पी सब पर भारी
प्रधान का कहना है कि गांव के दर्जनों भूमिहीन परिवार वर्षों से पट्टे के इंतजार में हैं। जिलाधिकारी का निर्देश है कि पात्रों को जमीन दी जाए, लेकिन लेखपाल को गरीबों के दुख-दर्द से कोई सरोकार नहीं। वह न तो भूमि प्रबंध समिति की बैठक बुला रहा है, न ही पात्रों को जमीन आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर रहा है।
प्रधान यशवंत सिंह यादव ने चंदौली समाचार से कहा कि "एक तरफ सरकार गरीबों को छत देने की बात करती है, दूसरी तरफ ऐसा कर्मचारी है जो न बैठक करता है, न सुनवाई। ये नौकरी है या तानाशाही?"
अब सवाल यह है कि ऐसे बेलगाम लेखपाल पर कब एक्शन कब होगा और क्या एसडीएम विकास मित्तल इस खुली अवमानना को यूं ही नजरअंदाज करेंगे..? या फिर गरीबों और विकास की राह में खड़े इस 'अड़ंगेबाज' लेखपाल पर सख्त कार्रवाई कर मिसाल कायम की जाएगी?