वन विभाग की नाक के नीचे अवैध मोरंग की खुदाई, नहीं हो रही है कोई कार्रवाई
tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show
चंदौली जिले की नौगढ तहसील के सामने आरक्षित वन भूमि में अवैध रूप से मोरंग का खनन जारी है, जिसे देख कर भी वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। जबकि इसके समीप में ही जयमोहनी व मझगाई रेंज का कार्यालय स्थित है।
इस बारे में बताया जाता है कि तहसील के सामने आरक्षित वन भूमि में से दिनदहाड़े जेसीबी मशीन लगा करके लाल मोरंग की निकासी कराकर पक्की सड़क के किनारे आरक्षित वनभूमि के भू भाग को अवैध मोरंग पाटकर अवैध रूप से अतिक्रमणकारियों को आबाद किया जा रहा है। जबकि कोई गरीब निरीह व्यक्ति अपने निजी उपयोग में दो चार बोरी लाल मोरंग जंगल से ले जाना चाहता है तो उसे वन कर्मियों के कोप भाजन का शिकार हो कर वन अधिनियम के प्रावधानो से भयभीत भी किया जाता है।
भाजपा मण्डल अध्यक्ष भगवान दास अग्रहरी ने आरोप लगाया कि वनविभाग के शह पर ही क्षेत्र अतिक्रमणकारी बेखौफ होकर आरक्षित वनभूमि पर खेती बारी करके आबाद हो रहे हैं, जिससे वनों का क्षेत्रफल सिमटता जा रहा है। जंगलों की शोभा विदेशी पौधा वनतूलसिया की झाड़ियां बढा रही है। पुराने प्राकृतिक पेड़ों की संख्या नाकाफी ही देखने में आ रही है। हर वर्ष रोपित होने वाला पौधा भी पेड़ बनने से पूर्व अतिक्रमणकारियो की भेंट चढ जा रहा है।
प्रधानमंत्री भारत सरकार को भेजे गए पत्र में इंगित किया है कि वनों की भी निगरानी का कार्य अन्य विभाग /संस्थाओं से कराई जाए, जिससे वन विभाग की कलई खुल जाएगी।
आरोप लगाया कि हर वर्ष पौध रोपण व निगरानी के नाम पर वन विभाग लाखों रूपये की राजकीय धनराशि व्यय करके अभिलेखों में सफलता प्रतिशत भी मानक के अनुरूप दर्शा देता है। जिसकी अधिकारिक पुष्टि भी करा ली जाती है जबकि स्थलीय हकीकत कुछ और ही है।
लॉक डाउन की अवधि में ही सैकड़ों कीमती पेड़ों को अवैध रूप से अतिक्रमणकारियों ने काट डाला और वनविभाग कार्यवाही के नाम पर काफी पीछे का इतिहास अलाप रहा है।