चंदौली समाचार की रिपोर्ट से हरकत में आया सिस्टम, गिरफ्तार हुआ फ्रॉड, रद्द होगा लाइसेंस

आपको बता दें कि पीड़ित थाने और बैंक दोनों के चक्कर काटते रहे। लेकिन चार महीने तक न सुनवाई हुई, न संचालक पर कोई कार्रवाई, जिससे उसका मन बढ़ता रहा है। 
 

CSP संचालक को जाना पड़ा जेल

रात में ही पुलिस ने कर लिया गिरफ्तार

विधवा के 30 हजार और किसान के 1 लाख उड़ाए गए

जिले में चंदौली समाचार के बारे में कहा जाता है कि जहां खबर होती है, वहां चंदौली समाचार पहुंच जाता है और उसका असर भी होता है। कोई भी समाचार जब चंदौली समाचार पर चलता है तो मीडिया की खबर का असर भी होता है। चाहे थाना हो या बैंक चंदौली समाचार की खबर के बाद एक्शन के लिए मजबूर हो गया।

 

 चंदौली जिले में तहसील नौगढ़ के तिवारीपुर स्थित एसबीआई के ग्राहक सेवा केंद्र पर गायत्री देवी, एक विधवा महिला के तीन हजार रुपए और विनोद कुमार नामक किसान के एक लाख रुपए बिना बताए निकाले गए। ना अलर्ट आया, ना कोई रसीद दी गई — बस “अंगूठा लगवाओ, पैसा भूल जाओ” वाला सिस्टम चलता रहा।

आपको बता दें कि पीड़ित थाने और बैंक दोनों के चक्कर काटते रहे। लेकिन चार महीने तक न सुनवाई हुई, न संचालक पर कोई कार्रवाई, जिससे उसका मन बढ़ता रहा है। 

फिर आया "चंदौली समाचार" का कैमरा, और हिल गया सिस्टम ......
हमने जब यह मामला उठाया तो CSP संचालक राकेश कुमार को थानाध्यक्ष दयाराम गौतम ने घर से सोते समय रात में ही उठा लिया, और  धोखाधड़ी का मामला दर्ज करते हुए जेल भेजा दिया, अब पुलिस ने विस्तृत जांच शुरू दी है। सूत्रों के अनुसार बैंक उच्च अधिकारियों ने इस संचालक का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ‌

बताया जा रहा है कि संचालक काफी दिनों से इसी तरह अंगूठा लगवाकर पैसा रोक रहा था, इस मामले में ना बैंक ने पहले सुनवाई की, ना पुलिस ने संज्ञान लिया, लेकिन जैसे ही चंदौली समाचार ने पीड़िता की आवाज उठाई, अब उस आवाज ने अपराधी को जेल तक पहुंचा दिया है। यह रिपोर्ट उन सैकड़ो लोगों के लिए सबक है, जो सोचते हैं कि ग्रामीणों की कोई आवाज नहीं होती। अंगूठा लगवाकर पैसा हड़प लेना कभी पकड़ में नहीं आएगा। 

अब अगली लड़ाई CSP सेंटरों पर बैठे लुटेरों के खिलाफ
“चंदौली समाचार” अब हर उस जगह जाएगा जहां खातेदारों को लूटा जा रहा है, और सिस्टम चुप है। अगर आपके गांव में भी CSP सेंटर लूट का अड्डा बन गया है — तो चुप मत रहिए। हमें बताइए।

 हम केवल खबर नहीं, जनआवाज़ भी उठाते हैं
हमने साबित किया कि एक पत्रकारिता अगर सच्चे इरादे से चले — तो सिर्फ रिपोर्ट नहीं, गिरफ्तारी और न्याय तक पहुंच बना सकती है। आपकी लड़ाई हमारी लड़ाई है — बोलिए, हम आएंगे।