नौगढ़ में मनरेगा का विकास धराशायी: 9 लाख की पक्की नाली 90 दिन में टूटी, ग्रामीणों ने DM से की शिकायत
देख लीजिए डीएम साहब.. 90 दिन में धराशायी नौ लाख की नाली
घटिया मटेरियल और कमीशनखोरी का आरोप
बरसात से पहले ही ढह गई पक्की नाली
मनरेगा परियोजनाओं की निगरानी पर सवाल
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ की पंचायत लौवारी कला में मनरेगा योजना के तहत नौ लाख रुपये की लागत से बनी पक्की नाली महज 90 दिन में ही ध्वस्त हो गई। बरसात शुरू होने से पहले ही बिना उपयोग के टूट जाने पर ग्रामीणों में आक्रोश है। उनका कहना है कि 18 अगस्त को संपूर्ण समाधान दिवस में शामिल होने नौगढ़ आ रहे जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग से वे इस ‘विकास’ की हकीकत भी दिखाने की मांग करेंगे।
गुणवत्ता पर शुरू से उठे सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि नाली निर्माण में घटिया मटेरियल और कमीशनखोरी के कारण यह हालत हुई। सीमेंट-बालू की जगह भक्शी, पतली दीवारें और अधूरा प्लास्टर ये सभी वजहें शुरुआत से ही इसकी मजबूती पर सवाल खड़े कर रही थीं। बरसात की शुरुआत में ही नाली गिर जाने से स्पष्ट है कि निर्माण में जमकर हेराफेरी हुई।
पहले टूटा रपटा, अब टूटी नाली
यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले वर्ष इसी गांव में 13.82 लाख रुपये की लागत से बना मनरेगा का रपटा भी कुछ महीनों में ही टूट गया था। अब 9.99 लाख की नाली के ध्वस्त होने से मनरेगा परियोजनाओं की निगरानी और निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
अधिकारियों का पक्ष
खंड विकास अधिकारी अमित कुमार ने बताया कि निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद फीडिंग हो चुकी है, लेकिन बजट न आने से भुगतान रुका है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीण चाहते हैं कि जिलाधिकारी मौके पर पहुंचकर ध्वस्त नाली की हकीकत देखें और दोषियों पर त्वरित कार्रवाई करें। उनका कहना है कि विकास का मतलब सिर्फ कागज पर काम दिखाना नहीं, बल्कि टिकाऊ और मजबूत निर्माण होना चाहिए।