नौगढ़ बार में गूंजा अनुशासन का डंका, मनमानी करने वाले अधिवक्ता को किया बाहर
अधिवक्ता कमला सिंह की सदस्यता खत्म करने का फैसला
बार की एकजुटता बनी संघ की ताकत
भविष्य के लिए नजीर बनेगा यह बड़ा फैसला
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में बार एसोसिएशन की बैठक उस समय बेहद गरम हो गई, जब अधिवक्ता कमला सिंह यादव के खिलाफ लंबे समय से चली आ रही शिकायतों पर निर्णायक कार्रवाई की गई। अधिवक्ता पर पदाधिकारियों से लगातार दुर्व्यवहार करने और संगठन की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप था। इस पर वकीलों ने सर्वसम्मति से उन्हें संघ से निष्कासित करते हुए सदस्यता समाप्त कर दी। इस फैसले ने नौगढ़ बार में यह स्पष्ट संदेश दिया कि अनुशासन से खिलवाड़ किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा।
तहसील परिसर में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे सत्यानंद तिवारी ने बताया कि अधिवक्ता कमला सिंह यादव को तीन दिन पूर्व ही नोटिस जारी कर अनुशासनहीन रवैये पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। लेकिन न तो उन्होंने जवाब दिया और न ही बैठक में उपस्थित हुए। यह कदम संघ की प्रतिष्ठा और गरिमा की रक्षा के लिए उठाना पड़ा। बार में कोई भी अधिवक्ता अपने व्यक्तिगत व्यवहार से संगठन की छवि को धूमिल नहीं कर सकता।”
संगठन की एकजुटता बनी ताकत
बैठक में मौजूद अधिवक्ता रणविजय यादव, सच्चिदानंद पांडे, अखिलेश, केएन मौर्य, विजय बहादुर सिंह यादव, जिलाजित सिंह, रिंकू यादव, राजकुमार, बबूंदर, विनोद कुमार, जैसलाल जोशी सहित अनेक सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि संघ की गरिमा से समझौता नहीं किया जाएगा। उनका मानना था कि किसी एक व्यक्ति की मनमानी पूरे संघ पर भारी नहीं पड़ सकती। इस फैसले ने वकीलों के बीच एकजुटता और अनुशासन की मजबूती को और पुख्ता किया है।
भविष्य के लिए नजीर बना यह फैसला
महत्वपूर्ण बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी माना कि यह निर्णय भविष्य के लिए मिसाल है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी अधिवक्ता संघ की आचार संहिता का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ भी इसी तरह की कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नौगढ़ बार एसोसिएशन का यह निर्णय आने वाले समय में हर अधिवक्ता के लिए नसीहत साबित होगा कि संगठन की मर्यादा सर्वोपरि है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह साफ कर दिया है कि नौगढ़ बार अब अपने अनुशासन और गरिमा पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है, चाहे इसके लिए कितनी ही कठोर कार्रवाई क्यों न करनी पड़े।