नौगढ़ जंगल में रेंजर संजय श्रीवास्तव की बड़ी कार्रवाई, जंगल से अवैध कच्चे मकान और झोपड़ियां ध्वस्त

चंदौली के नौगढ़ जंगल में आरक्षित वन भूमि पर हो रहे अवैध कब्जों पर रेंजर संजय श्रीवास्तव ने कड़ी कार्रवाई की। गहिला बीट के कंपार्टमेंट नंबर-19 से कच्चे मकान और झोपड़ियों को ध्वस्त कर वन भूमि को मुक्त कराया गया।
 

नौगढ़ जंगल में अवैध निर्माण ध्वस्त

रेंजर संजय श्रीवास्तव की सख्त कार्रवाई

आरक्षित वन भूमि कब्जा से मुक्त

वन भूमि समतल कर खेती की मंशा

अतिक्रमण स्थलों को चिन्हित कर कार्रवाई

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में आरक्षित वन क्षेत्र में कच्चे मकान और झोपड़ियां खड़ी कर जंगल पर कब्जा जमाने की कोशिशें लगातार बढ़ती जा रही हैं। यह पहला मामला नहीं है, बल्कि पिछले कुछ हफ्तों में इस तरह की गतिविधियों में तेजी आई है। गुरुवार को नौगढ़ रेंज में रेंजर संजय श्रीवास्तव ने एक सख्त अभियान चलाकर गहिला बीट के कंपार्टमेंट नंबर-19 से अवैध कब्जा हटाया। अभी वन विभाग के द्वारा अतिक्रमण स्थलों को चिन्हित कर त्वरित कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है। 

 वन भूमि में अतिक्रमणकारी बनाते हैं खेत 
वन क्षेत्राधिकारी संजय कुमार श्रीवास्तव को स्थानीय वाचरों से सूचना मिली कि अतिक्रमणकारियों ने हरे पेड़–पौधों को काटकर जमीन को समतल कर लिया है। मौके पर जाकर देखा गया की सिर्फ निर्माण नहीं था, बल्कि इसे खेती में बदलने की मंशा भी स्पष्ट दिखाई दे रही थी। वन विभाग के अनुसार, ऐसे मामलों में पहले झोपड़ी और कच्चे घर बनाकर जगह पर कब्जा सुनिश्चित किया जाता है, उसके बाद धीरे-धीरे इसे स्थायी रूप दिया जाता है। यही वजह थी कि विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल टीम को मौके पर भेजा।

कब्जाधारियों के जंगल के बीच झोपड़ियां व घर गिराए गए

टीम देखकर भागे अतिक्रमणकारी
बताया जा रहा है कि जैसे ही वन दरोगा राजकुमार, वनरक्षक सोनकर और वाचरों की टीम मौके पर पहुंची, अवैध कब्जा करने वाले लोग जंगल की ओर भाग निकले। टीम ने मौके का निरीक्षण किया तो पाया कि निर्माण कार्य कुछ दिनों से जारी था। कच्चे मकान की दीवारें जंगल का बोल्डर लगाकर खड़ी कर दी गई थीं और आसपास की झाड़ियों को पूरी तरह साफ किया गया था। वन विभाग की टीम ने बिना देरी किए पूरी संरचना को औज़ारों से ध्वस्त कराया।

कब्जाधारियों ने जंगल के बीच झोपड़ियां व घर गिराए गए

 

वन अधिनियम के तहत दर्ज हुआ केस
वन क्षेत्राधिकारी संजय श्रीवास्तव ने चंदौली समाचार को बताया कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ वन अधिनियम की धारा 26 और अन्य प्रासंगिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि किसी भी स्थिति में न तो पट्टे पर दी जाएगी, न ही किसी को खेती के लिए छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ऐसे अतिक्रमण स्थलों पर और भी अभियान चलाए जाएंगे।