नौगढ़ की बेटी ने अखिलेश यादव को बांधी राखी, सोशल मीडिया पर छा गई तस्वीर
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की है तस्वीर
मेडिकल कॉलेज में GNM स्टूडेंट है सरोज
रक्षाबंधन के दिन अखिलेश यादव को बांधी थी राखी
रक्षाबंधन के पावन ऐअवसर पर चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ की बेटी कुमारी सरोज ने पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को राखी बांधकर अपना भाईधर्म निभाया। इस खास मौके की तस्वीर खुद अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की, जो देखते ही देखते वायरल हो गई और चर्चा का विषय बन गई।
सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में रक्षाबंधन का यादगार लम्हा
चकरघट्टा थाना क्षेत्र के मझगावां गांव निवासी कुमारी सरोज, उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय ऑफ मेडिकल साइंसेज सैफई में जीएनएम तृतीय वर्ष की छात्रा हैं। रक्षाबंधन के दिन जब अखिलेश यादव विश्वविद्यालय पहुंचे, तो वहां मौजूद छात्राओं ने उन्हें राखी बांधी। इसी दौरान कुमारी सरोज ने भी राखी बांधी और शुभकामनाएं दीं। यह पल वहां मौजूद सभी लोगों के लिए खास बन गया।
"अखिलेश मेरे लिए प्रेरणा" – सरोज
राखी बांधने के बाद कुमारी सरोज ने कहा – "अखिलेश यादव मेरे लिए एक प्रेरणा हैं। उनके विचार और कार्य करने का तरीका मुझे आगे बढ़ने की शक्ति देता है। यह दिन मेरे जीवन का अविस्मरणीय पल रहेगा।"
नौगढ़ का यादव परिवार से दशकों पुराना रिश्ता
नौगढ़ क्षेत्र का समाजवादी परिवार से पुराना और गहरा रिश्ता रहा है। मझगावां गांव की ही बासमती कोल, जो नौगढ़ की ब्लॉक प्रमुख रह चुकी थीं, को पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने धर्म की बेटी बनाकर सरकार में सम्मानजनक ओहदा प्रदान किया था। हालांकि अब बासमती कोल का निधन हो चुका है, लेकिन उनका योगदान और पहचान आज भी लोगों की यादों में जीवित है। अब उसी गांव की कुमारी सरोज का अखिलेश यादव को राखी बांधना, इस रिश्ते को नई ऊंचाई देता है।
गांव में खुशी की लहर, गर्व से भर गए लोग
अखिलेश यादव द्वारा तस्वीर साझा करने के बाद नौगढ़ और मझगावां गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। गांव के लोगों का कहना है कि यह क्षण न केवल व्यक्तिगत सम्मान है बल्कि पूरे क्षेत्र की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने वाला गर्व का विषय है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने सरोज के इस कदम को खूब सराहा और बधाइयों से पोस्ट भर गए।
इस मुलाकात ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि नौगढ़ क्षेत्र की बेटियां न सिर्फ शिक्षा में आगे हैं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्तों को भी मजबूती से निभा रही हैं। कुमारी सरोज के इस सम्मानजनक कदम ने पूरे क्षेत्र का मान बढ़ा दिया है।