नौगढ़ में श्री राम कथा का सातवां दिन, राम के वनवास की कथा पर रोने लगे श्रद्धालु
कथावाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी की कथा
संगीतमयी कथा में भाव विभोर हुए भक्तगण
पूर्व सांसद छोटेलाल के साथ एसडीएम-सीओ ने उतारी आरती
चंदौली जिले के नौगढ़ में शारदीय नवरात्र में दुर्गा मंदिर पर आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा में सातवें दिन शनिवार की रात कथावाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने कहा कि जहां युद्ध ना हो वही अयोध्या है। जो घर अयोध्या बन जाए, उसकी रक्षा आठो प्रहर प्रभु श्री राम करते हैं।
इस दौरान कथा वाचिका ने अपने मधुर कंठ से जानकी की विदाई प्रसंग को जगत की बेटी की विदाई को जोड़ते हुए बहुत ही करुण तथा मर्मस्पर्शी शब्द चित्रण किया। उन्होंने पिता और पुत्री के संबंध को सबसे पवित्र बताते हुए जानकी की विदाई के दौरान महाराज जनक और सुनैना की दशा का वर्णन किया तो पंडाल में मौजूद श्रोताओं के नेत्रों से आंसुओं की धारा बह निकली।
कथा वाचिका शालिनी ने कथा का स्पर्श कराते हुए कहा कि जानकी की विदाई में पशु, पक्षी रोने लगे। गुरु वशिष्ट के परामर्श पर भारत का विवाह मांडवी से, उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से और श्रुति कीर्ति का विवाह शत्रुघ्न के साथ एक ही मंडप में कराया गया। महाराज दशरथ गुरु से आज्ञा लेकर राम को युवराज बनाने की घोषणा करते हैं। पूरे अयोध्या में खुशी छा जाती है। इधर कैकेयी कोपभवन में चली जाती है और दशरथ से दो वरदान मांगती हैं कि भरत को राजगद्दी और राम को चौदह साल का वनवास। राजा दशरथ अचेत हो जाते हैं। रामजी लक्ष्मण और सीता के साथ वन को चले जाते हैं। श्रीराम वन गमन का वर्णन सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
इस दौरान मुख्य यजमान शिवनारायण के साथ सोनभद्र के पूर्व विधायक सांसद छोटेलाल खरवार, जिला पंचायत सदस्य आजाद अंसारी, एसडीएम आलोक कुमार, सीओ आपरेशन कृष्ण मुरारी शर्मा ने आरती उतारी।
इस मौके पर प्रभु नारायण जायसवाल, भगवान दास अग्रहरि, सूरज केशरी, दिपक गुप्ता, सत्यनारायण यादव, रामजी, राजू पांडे, पंकज जायसवाल, अजीत विश्वकर्मा, सोनू समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।