नौगढ़ में एंबुलेंस के इंतजार में चली गयी नवजात शिशु की जान, हंगामा के बाद परिजनों ने दी तहरीर
 

नवजात शिशु के शव का अंतिम संस्कार के बाद विजय व उसके परिजनों ने घंटों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर  हंगामा किया। तीन घंटे से भी अधिक समय तक अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे रहे।
 

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ का है मामला

परिजन 3 घंटे तक करते रहे एंबुलेंस का इंतजार
बाघी गांव की रेशमा के साथ हुई घटना

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रात्रि में लगातार तीन घंटे तक पिता अपने नवजात को जिला हॉस्पिटल ले जाने के लिए एंबुलेंस वालों को फोन मिलाकर इंतजार करता रहा। एंबुलेंस के न पहुंचने से नवजात ने मां की गोद में पड़े- पड़े  दम तोड़ दिया। बार-बार  पिता को तसल्ली दी जा रही थी कि एंबुलेंस पहुंच रही है, लेकिन तीन बाद भी एंबुलेंस अस्पताल पर नहीं पहुंचीं।


नौगढ़ थाना क्षेत्र के कस्बा स्थित बाघी निवासी विजय केशरी की पत्नी रेशमा  (24) को रात बच्ची पैदा हुई थी। अस्पताल पर नार्मल प्रसव के कुछ देर बाद नवजात की तबियत खराब होने लगी। उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। स्टाफ नर्स बसंती की सूचना पर डॉ. चंद्रा ने प्राथमिक उपचार कर बच्चे को शिशु रोग विशेषज्ञ से दिखाने के लिए जिला हॉस्पिटल रेफर कर दिया।  चिकित्सक ने एंबुलेंस से ले जाने की सलाह दी और बताया कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था रहती है। परिजन भी एंबुलेंस 102 और 108 को फोन कर इंतजार करने लगे। आईडी मिलने के बाद भी एंबुलेंस संचालक मोबाइल पर 10 मिनट, 15 मिनट इंतजार की सलाह देता रहा। धीरे-धीरे तीन घंटे बीत गया तब तक नवजात ने इलाज के अभाव में मां की गोद में ही दम तोड़ दिया।

सुबह नवजात शिशु के शव का अंतिम संस्कार के बाद विजय व उसके परिजनों ने घंटों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर  हंगामा किया। तीन घंटे से भी अधिक समय तक अस्पताल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे रहे। जानकारी होने पर भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवानदास अग्रहरि के पहुंचने पर थाना पुलिस ने संबंधितों के खिलाफ तहरीर लेकर किसी तरह वहां उपस्थित उसके परिजनों को समझा  बुझाकर घर भेज दिया। विजय कुमार ने नौगढ़ पुलिस को  एंबुलेंस कर्मियों व संचालक के खिलाफ लिखित तहरीर दी है।

इस मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक डॉ अवधेश पटेल बोले कि एंबुलेंस चालकों ने पीड़ित परिवार के साथ अमानवीय  व्यवहार किया है। दंडात्मक कारवाई के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश के हिसाब से कार्रवाई होगी।