नौगढ़ में फिर हुआ लौवारी मोड़ पर हादसा, सड़क पर लावारिस भैंस से एक्सीडेंट

परसिया गांव में मौत की खबर सुनते ही गांव में सन्नाटा पसर गया। लोग घरों से बाहर निकल आए। माता-पिता, पत्नी और रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे तो वहां का माहौल चीख-पुकार से गूंज उठा।
 

राखी बांधकर लौट रहे प्रधान के भतीजे की भैंस ने छीन ली जान

हादसे से मासूम बिटिया हुई अनाथ

आखिर कौन खोजेगा इस समस्या का समाधान

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में रक्षाबंधन के दिन अपनी बहन को राखी बांधकर लौट रहे युवक की जिंदगी लौवारी मोड़ के पास अचानक थम गई। नौगढ़-चकिया मुख्य मार्ग पर सड़क पर घूम रही भैंस को बचाने में बाइक अनियंत्रित हुई और पंचायत परसिया के प्रधान लाल बिहारी का भतीजा शिव गोविंद (30) मौत के मुंह में चला गया। हादसे की आवाज सुनकर आस-पास के लोग दौड़े, लेकिन तब तक वह बेहोश होकर सड़क पर पड़ा था। पीछे बैठा उसका साथी कैलाश भी गंभीर चोटों से कराह रहा था।

आपको बता दें कि शिव गोविंद राखी के त्योहार पर घर आया था। बहन से राखी बंधवाने के बाद परिवार के साथ बैठकर बातें कीं, लेकिन लगातार बारिश के चलते विलंब हो गया। देर शाम पानी कम होने पर उसने साथी कैलाश के साथ चकिया जाने का फैसला किया, जहां वह एक फैमिली रेस्टोरेंट में कुक का काम करता था। लौवारी मोड़ के पास अंधेरा और फिसलन पहले से थी, ऊपर से सड़क पर अचानक भैंस आ गई। बचाने की कोशिश में बाइक फिसली और शिव गोविंद बुरी तरह सड़क पर गिर गया।

हादसे के बाद घायल कैलाश ने किसी तरह फोन उठाकर शिव गोविंद के पिता संजय को घटना की जानकारी दी। उन्होंने तुरंत पुलिस और 108 एम्बुलेंस को कॉल किया। कुछ ही देर में घायलों को नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, लेकिन डॉक्टर चंद्र कुमार ने जांच के बाद शिव गोविंद को मृत घोषित कर दिया। कैलाश की हालत अभी गंभीर बताई जा रही है।

रोती रही पत्नी, सहमी रही मासूम रीवा .......

परसिया गांव में मौत की खबर सुनते ही गांव में सन्नाटा पसर गया। लोग घरों से बाहर निकल आए। माता-पिता, पत्नी और रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे तो वहां का माहौल चीख-पुकार से गूंज उठा। शिव गोविंद तीन भाइयों में सबसे बड़ा था और परिवार का सहारा था। उसकी 5 साल की बेटी रीवा मासूम निगाहों से लोगों को देखती रही, मानो पूछ रही हो कि पापा कब लौटेंगे।

हर साल छीन रहा है जिंदगी, लेकिन प्रशासन खामोश ....

ग्रामीणों ने बताया कि नौगढ़-चकिया मुख्य मार्ग पर रात होते ही भैंसों का झुंड सड़क पर घूमता है। न सड़क पर रोशनी का इंतजाम है, न निगरानी। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे हादसों में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बावजूद इसके, न प्रशासन सक्रिय हुआ और न ही लापरवाह पशु मालिकों पर कोई बड़ी कार्रवाई हुई। ग्रामीणों का कहना है कि अब सब्र का बांध टूट चुका है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने जल्द अभियान चलाकर भैंसों को सड़क से हटाने और पशु मालिकों के खिलाफ केस दर्ज करने की कार्रवाई नहीं की, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।