डीएम साहब कब खुलेगा ताला,  डीपीआरओ साहब कर रहे हैं खेला.... फाइलों में चल रहा है शासन
 

चंदौली जिले के विकासखंड नौगढ़ के ग्राम पंचायत जैमोहनी पोस्ता के नरकटी गांव में लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए पंचायत भवन एवं कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) महीनों से ताला में बंद पड़ा हैं।
 

नरकटी गांव का पंचायत भवन और CSC केंद्र महीनों से बंद

पंचायत सहायक और सचिव दोनों गायब

डीपीआरओ, एडीओ पंचायत, बीडीओ सबकी चुप्पी पर उठे सवाल

जनता का सीधा सवाल: कब खुलेगा ताला

 

सरकार की बहुचर्चित योजना "द्वार पर शासन" का जमीनी सच चौंकाने वाला है। चंदौली जिले के विकासखंड नौगढ़ के ग्राम पंचायत जैमोहनी पोस्ता के नरकटी गांव में लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए पंचायत भवन एवं कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) महीनों से ताला में बंद पड़ा हैं। जहां ग्रामीणों को अपने गांव में ही आय, जाति, निवास, मृत्यु प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, शौचालय सर्वे, बैंकिंग जैसी सुविधाएं मिलनी थीं, वहीं अब उन्हें इन सुविधाओं के लिए ब्लॉक या जिला मुख्यालय के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है।

CSC पर ताले, सचिव गायब – व्यवस्था फेल

इस भवन पर कंप्यूटर, प्रिंटर, CCTV, इंटरनेट, बिजली और फर्नीचर जैसी सुविधाओं पर विशेष बजट खर्च हुआ। ₹6,000 प्रतिमाह पर पंचायत सहायक की तैनाती की गई और पंचायत सचिव अश्विनी गौतम को संचालन व निगरानी की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन आज की तारीख में यह केंद्र पूरी तरह निष्क्रिय है। ग्रामीण जब भी किसी कार्यवश पहुंचते हैं, उन्हें केवल बंद दरवाजे और ताले ही मिलते हैं। पंचायत सचिव की लगातार अनुपस्थिति और प्रशासन की चुप्पी से ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है।

"डीपीआरओ की मिलीभगत या उदासीनता?"

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब यह सब DPRO (जिला पंचायती राज अधिकारी), ADOP (सहायक विकास अधिकारी पंचायत) और BDO (खंड विकास अधिकारी) की निगरानी में आता है, तो फिर इतनी स्पष्ट लापरवाही पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? ना कोई निरीक्षण, ना जवाबदेही – क्या यह सीधी प्रशासनिक मिलीभगत नहीं है?

"फाइलों में शासन, गांव में ताले"

सरकार की मंशा अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने की है, लेकिन इस योजना का हश्र देखकर यही लगता है कि यह सिर्फ file-based implementation बनकर रह गई है। लाखों रुपये की सरकारी संपत्ति धूल खा रही है और जनता के अधिकारों पर ताले जड़े हुए हैं।

चंदौली समाचार की मांग – जनता को न्याय और जवाब चाहिए

इस गंभीर जनहित के मुद्दे पर चंदौली समाचार प्रशासन से मांग करता है:

1- पंचायत सचिव अश्विनी गौतम को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच की जाए।

2- DPRO, ADOP और BDO की भूमिका की स्वतंत्र जांच कराई जाए।

3-  नरकटी के पंचायत भवन व CSC केंद्र को तुरंत क्रियाशील किया जाए, ताकि ग्रामीणों को मूलभूत सेवाएं मिल सकें।