नौगढ़ में बाजार करने आ रहे हैं बिहार के लोग, खामोश है प्रशासन व व्यापारी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के नक्सल प्रभावित नौगढ़ इलाके में भी वाराणसी के रामनगर थानान्तर्गत सूजाबाद में कोरोना पॉजीटिव का मरीज मिलने के बाद से क्षेत्र में भी काफी दहशत कायम होने लगी है, लेकिन कुछ युवाओं व अन्य की इस संबंध में नासमझी का परिणाम है कि लॉकडाउन की पूर्णता नहीं प्रतीत हो पा रहा है।
 

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चंदौली जिले के नक्सल प्रभावित नौगढ़ इलाके में भी वाराणसी के रामनगर थानान्तर्गत सूजाबाद में कोरोना पॉजीटिव का मरीज मिलने के बाद से क्षेत्र में भी काफी दहशत कायम होने लगी है, लेकिन कुछ युवाओं व अन्य की इस संबंध में नासमझी का परिणाम है कि लॉकडाउन की पूर्णता नहीं प्रतीत हो पा रहा है।

बिहार राज्य के आधा दर्जन से भी अधिक गांवों के रहनुमाओ का आवागमन आए दिन नौगढ़ बाजार में आवश्यक आवश्यकताओ की सामग्री खरीदने के लिए होता रहता है, जबकि उन लोगों का थाना ब्लाक चैनपुर बिहार में भी आना जाना होता है।

जिससे अनेक लोग सशंकित भी हो रहे हैं कि कहीं छुआछूत की बीमारी का आगाज अपने क्षेत्र में भी पांव न पसार दे।

जिला प्रशासन के निर्देश सोनभद्र जिले की सीमा को चकरघट्टा थाना क्षेत्र के तिवारीपुर (सोनवार)व नौगढ थाना क्षेत्र के जयमोहनी पोस्ता में अन्तर्जनपदीय सीमा को सील तो कर दिया गया है, लेकिन गांवों से होकर बिहार राज्य एवं सोनभद्र को जोड़ने वाले संपर्क मार्गों को भी सील किया जाना भी एक दम आवश्यक है।

नौगढ थाना क्षेत्र के धौठवां से सोनभद्र जिले का बट गांव सपहर पण्डी से बिहार राज्य का करकटगड़ा व चकरघट्टा थाना क्षेत्र के कुबराडीह गांव से सोनभद्र जिले का नगांव गांव बजरडीहा से सोनभद्र का सिकरियां गांव गढवां से सोनभद्र का ही चतरां तक वहीं बिहार राज्य के भगन्दा कम्हरिया झरियां जमुनीनार इत्यादि गांवों के लोगों का आवागमन गुरवट नदी को पार कर चकरघट्टा थाना क्षेत्र के गांवों से होकर नौगढ़ बाजार तक होता रहता है।
उपरोक्त मार्गों से गुजरने वालो को पुलिस का भय भी एक दम नाकाफी ही रहता है, क्योंकि जंगल में पुलिस का चक्रमण शुरू करने का मतलब होगा कि प्रमुख मार्गों बाजारों चट्टी चौराहों इत्यादि पर की जा रही निगाहबानी में कमी आ जाएगी।

पुलिस के वाहनों में लगे सायरन की आवाज सुनकर दुबकने वाले लोगों में जब तक स्वयं ही अपने सुरक्षा की भावना जागृत नहीं होगी तब तक इस माहामारी से घरो में रहने वालो के मन में संशय बना रहेगा।