वन विभाग  रक्षाबंधन के पर्व को बनाया जाएगा यादगार, आपके पास है मौका

भाई-बहन के इस पवित्र पर्व को यह कार्यक्रम यादगार बनाएगा। इन पौधों की निगरानी व रखरखाव वन विभाग करेगा। पौधारोपण के बाद इनकी जियो टैगिंग कराई जाएगी।
 

भाई बहन के हाथों कराया जाएगा पौधारोपण

नौगढ़ रेंज के ग्राम बरवाडीह में जमीन तैयार

खास पहल के लिए जमीन हुई चिन्हित

चंदौली जिले में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इस बार एक ही नहीं, बल्कि कई नई पहल की गई है। आयुष वन, मित्र वन, एक पौधा मां के नाम के बाद भाई-बहन पौधारोपण कार्यक्रम भी होगा। उद्देश्य यह है कि वन विभाग की ओर से भाई-बहन के प्यार का प्रतीक त्योहार रक्षाबंधन को यादगार बनाया जाएगा।
इस पर्व के दिन 19 अगस्त को विभाग द्वारा 22 हजार पौधे रोपित कराए जाएंगे। इस अभियान को भाई-बहन पौधा रोपण नाम दिया गया है। विभाग ने मझगाईं (नौगढ़) रेंज के ग्राम बरवाडीह में इसके लिए भूमि चिह्नित करा लिया गया है। गड्‌ढों की खोदाई का कार्य भी प्रारंभ करा दिया गया है।
विभाग के अनुसार 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विभिन्न प्रजाति के पौधे रोपे जाएंगे। विभाग प्रत्येक भाई-बहन के नाम से 101 पौधे लगवाएगा। यह पौधे उनके नाम के होंगे। सुरक्षा की शपथ भी दिलाई जाएगी। दरअसल जनपद में इस बार 62 लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य है। इसमें 36 लाख पौधे अकेले वन विभाग को रोपित कराने की जिम्मेदारी है, जबकि अन्य सभी विभाग मिलकर 26 लाख पौधे लगाएंगे।

आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त से वृहद पौधारोपण अभियान चलाकर लक्ष्य को पूरा कराया जाएगा। साथ ही पहली बार बहनें भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधने के साथ ही संयुक्त रूप से पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेंगी। भाई-बहन के इस पवित्र पर्व को यह कार्यक्रम यादगार बनाएगा। इन पौधों की निगरानी व रखरखाव वन विभाग करेगा। पौधारोपण के बाद इनकी जियो टैगिंग कराई जाएगी।

15 हेक्टेयर में लगाया जाएगा एक पौधा मां के नाम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर एक पौधा मां के नाम मुहिम शुरू किया जाएगा। विभाग की और से बरवाडीह गांव स्थित वन विभाग की 15 हेक्टेयर जमीन पर 16 हजार 500 पौधे लगेंगे। इसके लिए भी गड्ढे की खोदाई प्रारंभ करा दी गई है।

इस संबंध में काशी वन्य जीव प्रभाव रामनगर के डीएफओ दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि भाई-बहन पौधारोपण अभियान के तहत हर पौधों का रोपण भाई-बहन मिलकर करेंगे। इसके लिए नर्सरी में पौधे सुरक्षित रखवा दिए गए हैं। इसमें फलदारी इमरती व औषधीय तथा छायादार पौधों को शामिल किया गया है ।