जानिए नौगढ़ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने क्यों रूकवा दिया काम, मचा हड़कंप 
 

चंदौली जिले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने नौगढ़ में कब्रिस्तान के पास विवादित भूमि गाटा संख्या (430 क) पर बन रहे पक्का निर्माण कार्य को रोकने हेतु SHO नौगढ़ को आदेश दिया है।
 

सवालों के घेरे में एसडीएम नौगढ़

कार्रवाई पर अफसरों के बीच दिख सकती है तनातनी

जानिए क्या है मीणा का आदेश      

चंदौली जिले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने नौगढ़ में कब्रिस्तान के पास विवादित भूमि गाटा संख्या (430 क) पर बन रहे पक्का निर्माण कार्य को रोकने हेतु SHO नौगढ़ को आदेश दिया है। डीएफओ रामनगर दिनेश सिंह ने कहा है कि सीमांकन कार्य के बाद निर्माण कार्य जेसीबी से ध्वस्त करा दिया जाएगा। 

बताते चलें कि तहसील नौगढ़ में एसडीएम के आदेश पर बनाए जा  रहे पक्के निर्माण कार्य को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट चकिया प्रेम प्रकाश मीणा ने तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया है। उन्होंने यह आदेश वन क्षेत्राधिकारी जयमोहनी मकसूद हुसैन के द्वारा  निर्माण कार्य को वन विभाग की जमीन बताए जाने पर दिया है। इस विवादित जमीन पर इलाके के कई गांव के दर्जन भर लोगों का दावा है। लोगों के द्वारा समर्थन में तमाम दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए हैं।


आपको बता दें कि काफी पहले राजस्व और वन भूमि का सर्वे सीमांकन और नापी काम हुआ था। संयुक्त रिपोर्ट के अवलोकन के पश्चात लंबे समय के बाद जाते जाते ‌ एसडीएम डॉ अतुल गुप्ता ने निर्माण कार्य कराने हेतु आदेश दे दिया था। जबकि बाघी गांव के दलित बस्ती के लोगों का आरोप है कि उक्त जमीन आरक्षित वन भूमि है। निर्माण का कार्य शुरू होते ही बस्ती के लोगों ने विरोध- प्रदर्शन करते हुए वनक्षेत्राधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार के यहां  फरियाद करना शुरू कर दिया। लेकिन  सुनवाई ना होने पर जिला मुख्यालय पर डीएम और एसपी के यहां जाकर फरियाद किया। 


 वन क्षेत्राधिकारी मकसूद हुसैन ने‌ एसडीएम, तहसीलदार समेत विभागीय अधिकारियों को काफी लिखा पढ़ी किया है।‌ लिखा है कि  कब्रिस्तान नौगढ़ के पास गाटा संख्या 338 मीटर रकबा 10 एकड़ (4 हेक्टेयर) नया गाटा 430 का रकबा 31440 हेक्टेयर  आरक्षित वन भूमि और मिल जुमला नंबर है। जिसके कारण वन भूमि एवं काश्त की भूमि की सीमा स्पष्ट नहीं हो पा रही है। वन क्षेत्राधिकारी ने चंदौली समाचार को बताया कि ‌सीमांकन की गई जमीन का नक्शा गायब कर दिया गया था, जो मिल चुका है। 

डीएफओ  रामनगर बोले

आरक्षित वन भूमि को कुछ लोगों के द्वारा निजी करने की साजिश की गई है। पक्का निर्माण का कार्य हो रहा था। जो रोका जा चुका है। ‌अब ‌दुबारा सर्वे सीमांकन (नापी) का कार्य कराया जाएगा। निर्माण कार्य कराने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराएंगे।