राजदरी की पर्यटन सुविधाएं हो रही बदहाल, जरा ध्यान दीजिए DFO साहब   ​​​​​​​

राजदरी जलप्रपात पर सैलानियों के लिए बना टिनशेड और सीमेंट के बेंच क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वन विभाग यहां पर्यटकों से 50 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क तो वसूल रहा है लेकिन सुविधाएं दुरुस्त नहीं करा रहा।
 

जलप्रपात पर सैलानियों के लिए बना टिनशेड और सीमेंट के बेंच क्षतिग्रस्त

शौचालय की दशा भी खराब

प्रशासन कब देगा इन बातों पर ध्यान

बनारस से पकड़कर चंदौली में छोड़े जा रहे बंदर

बंदरों की संख्या बढ़ने से लोगों को हो रही परेशानी

 रोज लोगों को काट रहे हैं बंदर

चंदौली जिले के राजदरी जलप्रपात पर सैलानियों के लिए बना टिनशेड और सीमेंट के बेंच क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वन विभाग यहां पर्यटकों से 50 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क तो वसूल रहा है लेकिन सुविधाएं दुरुस्त नहीं करा रहा। ऐसे में धूप और बारिश से लोगों को परेशान होना पड़ता है।

आपको बता दें कि राजदरी देवदरी पर्यटन स्थल पर दिल्ली और लखनऊ से पहुंचे सैलानियों का कहना था वनांचल के जल प्रपातों की छटा मनमोहक है लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं हैं। सैलानियों ने बताया कि शौचालय में गंदगी का अंबार है। बैठने के लिए बनाए गए बेंच और टिनशेड भी टूटा हुआ है। ऐसे में वन विभाग को व्यवस्थाएं दुरुस्त कराने के बाद भी लोगों से शुल्क लेना चाहिए। 

इस बारे में चंद्रप्रभा रेंजर योगेश कुमार सिंह का कहना है आंधी से टिनशेड और बेच गिर गए हैं। जल्द ही मरम्मत कराकर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी।

बनारस से पकड़कर चंदौली में छोड़े जा रहे बंदर

वाराणसी नगर निगम प्रशासन बनारस से बंदरों को पकड़कर चंद्रप्रभा रेंज के जंगल में छोड़ दे रहा है। इससे राजदरी और देवदरी जैसे पर्यटन स्थलों पर बंदरों की संख्या बढ़ने से सैलानियों को परेशानी होती है। बंदर झुंड पर्यटकों का सामान छीन ले जाते हैं और हमला भी करते हैं। राजदरी और देवदरी में बंदरों का उत्पात बढ़ गया है। प्रशासन से लोग बंदरों से छुटकारा दिलाने की मांग करते रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। बंदरों की बढ़ रही संख्या लोगों के लिए समस्या बनती जा रही है। बंदरों से बचने के लिए लोग हजारों रुपए खर्च कर अपने घर के छतों पर लोहे की जाली लगवाने को विवश हो रहे। बंदर हर रोज किसी न किसी वार्ड में बच्चों, बुजुगों, राहगीरों व महिलाओं को काट रहे हैं।