शारदीय नवरात्रि में नौगढ़ में शुरू हुई रामकथा, पहले दिन राम कथा के महत्व पर चर्चा
नौगढ़ के दुर्गा मंदिर परिसर में चल रही है रामकथा
मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी सुना रही हैं कथा
राम कथा सुनने से दूर हो जाती है जीवन की व्यथा
चंदौली जिले के नौगढ़ में शारदीय नवरात्र में कस्बा स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित संगीतमयी श्री रामकथा के पहले दिन बृहस्पतिवार की रात में कथा व्यास ने श्री राम कथा का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि प्रभु नाम के बिना जीवन अधूरा है।
कथा व्यास मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने कहा कि राम कथा के श्रवण मात्र से जीवन से जुड़े संकट स्वत: ही दूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम के चरित्र से यह सीखा जा सकता है कि जीवन की कठिनाइयों का कैसे सामना करना है। सलाह दी कि यदि भक्त राम कथा सुने उनके कष्ट खुद ही दूर हो जाते हैं।
कथा वाचिका त्रिपाठी ने कहा कि जहां भगवान श्रीराम की कृपा होती है, उसी जगह रामकथा संभव हो पाती है। राम की कृपा वहीं होती है, जहां उनके भक्त रहते हैं। उन्होंने कहा कि रामकथा से हर जीव की व्यथा दूर हो जाती है। संसार के सभी जीवों का मंगल रामकथा के श्रवणपान से ही हो जाएगा। कथा वाचिका ने आगे कहा कि भगवान भक्ति के अधीन होते हैं। श्रद्धापूर्वक की गई भक्ति के आगे वह विवश रहते हैं। भगवान का सच्चा भक्त उन्हें जिस रूप में याद करता है, वह उसी रूप में दर्शन देते है। कथा की समाप्ति पर श्रद्धालुओं को फल और प्रसाद का वितरण किया गया।
श्री राम कथा का संचालन सनराइज पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल राजू पांडे ने किया। इस मौके पर मुख्य यजमान सुनीति रामायण और शिवनारायण जायसवाल ने आरती उतारी। इसके अलावा दुर्गा पूजा समिति अध्यक्ष पंकज जायसवाल, व्यापार मंडल अध्यक्ष सूरज केसरी, छैबरनाथ, अमरजीत जायसवाल, राधे केसरी, कांता जायसवाल, हिमांशु, अजीत विश्वकर्मा, कृष्णकांत समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।