समाधान दिवस या इंतजार दिवस : डीएम नदारद, फरियादियों की उम्मीदें टूटी!

नौगढ़ में सीडीओ साहब ने चार घंटे में सुनी 79 फरियादियों की शिकायत
SP साहब हुए नाराज, मनबढों को नहीं पकड़ पा रही है पुलिस
चंदौली जिले में जिलास्तरीय संपूर्ण समाधान दिवस शनिवार को नौगढ़ तहसील में आयोजित हुआ, लेकिन यह दिन समाधान से ज्यादा इंतजार और मायूसी का सबब बन गया। सैकड़ों फरियादी सुबह से ही अपनी शिकायतों के निस्तारण की उम्मीद लिए पहुंचे थे, लेकिन डीएम निखिल टीकाराम फुंडे के न पहुंचने से उनकी उम्मीदों को झटका लगा।
हालांकि, मुख्य विकास अधिकारी (CDO) रालपल्ली जगत साईं ने डीएम की गैर मौजूदगी में मोर्चा संभाला और चार घंटे में 79 शिकायतें सुनीं। लेकिन सिर्फ 7 मामलों का ही तत्काल समाधान हो सका, जबकि बाकी शिकायतों को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
फरियादियों का दर्द— एसपी से मिला थानाध्यक्ष को अल्टीमेटम
तेंदुआ गांव की रक्षा ने एसपी आदित्य लांग्हे से शिकायत किया की पट्टीदारों ने उनके साथ लाठी-डंडों से मारपीट की, जबकि कर्माबांध की रमावती ने बताया कि उनके बेटे मंगल को दबंगों ने जान से मारने की कोशिश की।
एसपी ने इन मामलों में पूछा कि, आरोपी को जेल भेजा तो थानाध्यक्ष ने बताया कि भाग गए। एसपी ने इसको गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष कृपेन्द्र प्रताप सिंह को कड़ी फटकार लगाई और आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजने का निर्देश दिया।
समाधान दिवस में अधिकतर शिकायतें बिजली, पानी और भूमि विवाद से जुड़ी थीं—
1- बैरगाढ़ पंचायत में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत बने घरों में बिजली नहीं है, जिससे वहां रहने वाले परेशान हैं।
2- सेमरा कुसही के किसान लिफ्ट कैनाल से नहर में पानी न छोड़े जाने से चिंतित हैं, क्योंकि इसका सीधा असर खेती और पशुपालन पर पड़ रहा है।
3- लालतापुर के विकलांग दंपति राकेश और निर्मला विकलांग प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे थे, जिस पर सीएमओ युगल किशोर राय को तुरंत प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए गए।
डीएम नहीं, लेकिन आला अधिकारी मौजूद
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी युगल किशोर राय, उप प्रभागीय वनाधिकारी सत्यपाल सिंह, एएसपी अनिल कुमार, जिला विकास अधिकारी डॉ. सपना अवस्थी, एसडीएम कुंदन राज कपूर, डीपीआरओ नीरज सिन्हा, तहसीलदार सतीश कुमार, सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा और वन क्षेत्राधिकारी संजय श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
समाधान दिवस—सवालों के घेरे में!
संपूर्ण समाधान दिवस का उद्देश्य फरियादियों की शिकायतों का मौके पर निस्तारण करना है, लेकिन सिर्फ 7 मामलों का समाधान प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। डीएम की अनुपस्थिति ने भी लोगों की उम्मीदों को ठेस पहुंचाई। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या ये शिकायतें सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएंगी या इन पर ठोस कार्रवाई होगी?