मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना का घोटाला, जांच कर रही 3 लोगों की टीम
घोटाले का जल्द होगा पर्दाफाश
डीएम के निर्देश पर जांच में जुटी तीन सदस्यीय टीम
पशु चकित्साधिकारी व ग्राम प्रधान की मिलीभगत
चंदौली जिले के नौगढ़ क्षेत्र में पशुओं के चारे की रकम के घोटाले के मामले की जांच शुरू हो गई है। जल्द ही मामले का खुलासा होगा कि कौन-कौन सरकारी योजना का फर्जी तरीके से लाभ ले रहा था।
बताते चले कि नौगढ़ क्षेत्र में पशुओं के चारे की रकम को अपनी पत्नी और बेटी के साथ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पत्नी के खाते में भेजने के मामले की जांच शुरू हो गई है। जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है।
इसी क्रम में पशुपालन विभाग के डिप्टी सीएमओ बृजेश सिंह सोमवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया नौगढ़ की शाखा में पहुंच कर अभिलेखों की जांच पड़ताल की। यहां पशु चिकित्सक की पत्नी और उनकी बेटी का खाता संचालित है।
पशु चिकित्सक पर आरोप है कि उसने मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना में 173 लाभार्थियों में अपनी पत्नी और बेटी के खाते में लगातार 5 साल से रकम डालकर बंदरबांट कर रहे हैं। आरोप है कि चिकित्सक ने सरकारी धन को ठिकाने लगाने के लिए ऐसे पशुपालकों के खाते में रकम भेजी जिनके पास गोवंश ही नहीं है।
एसडीएम नौगढ़ आलोक कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर मामले की जांच तहसीलदार के नेतृत्त्व में गठित टीम कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही धन की रिकवरी के साथ केस दर्ज कराया जाएगा।