सावन में ‘बोल बम’ और रुद्राभिषेक में जुटे हैं गुरुजी, महादेव से मांग रहे हैं अपने लिए खास कृपा
नौगढ़ में स्कूली शिक्षा राम भरोसे
9 बजे तक बंद रहा करते हैं सरकारी स्कूल
टाइम पर न तो हेड मास्टर मिलते हैं ना सहायक अध्यापक
शिकायत के बाद भी नहीं होती कार्रवाई
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में प्राथमिक विद्यालय लेड़हा में 9 बजे तक ताला झूलता रहा। ना हेड मास्टर मिले, ना सहायक अध्यापक का पता चला। सावन में अध्यापक जल चढ़ा रहे हैं और स्कूल राम भरोसे। अभिभावकों का धैर्य जवाब दे गया तो उन्होंने शिकायत की, एबीएसए साहब हरकत में आए, नोटिस जारी हुआ, और बस कहानी खत्म। ऐसी कार्रवाई और खानापूर्ति के बाद अब बच्चों के माता-पिता किससे शिकायत करें।
जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग की सख़्त चेतावनियों और निरीक्षणों के बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग में सुधार के कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। सावन में शिक्षक पूजा-पाठ में मस्त हैं और स्कूलों में ताले लटक रहे हैं। चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में प्राथमिक विद्यालय लेड़हा पर 9 बजे तक गेट पर ताला लटका मिला, जिससे बच्चों और अभिभावकों में भारी नाराज़गी दिखी।
सूत्रों से मिली जानकारी में बताया जा रहा है कि शिक्षक परिवार समेत वाराणसी में सावन के पर्व पर शिव पूजा और दुग्धाभिषेक में जुटे हैं। वहीं बच्चे सुबह स्कूल के बाहर ताला लटका देख घर चले गए। सुबह 9 बजे तक विद्यालय में कोई शिक्षक नहीं पहुंचा। जब अभिभावकों ने शिकायत की तो खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) हरकत में आए।
हेडमास्टर और सहायक शिक्षक दोनों नदारद
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एबीएसए लालमणि कनौजिया ने एआरपी संजीव कुमार को मौके पर भेजा। जांच में पाया गया कि विद्यालय बंद था और हेडमास्टर बृजेश्वर मिश्रा व सहायक अध्यापक वेद प्रकाश मिश्रा दोनों अनुपस्थित थे। दोनों शिक्षकों के मोबाइल भी बंद मिले, जिससे स्पष्ट हो गया कि यह केवल देरी नहीं, बल्कि जानबूझकर की गई लापरवाही थी।
एबीएसए ने दोनों शिक्षकों को स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया है और इस प्रकरण की जानकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को देते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि डीएम चंद्रमोहन गर्ग इस मनमानी पर क्या एक्शन लेते हैं।
प्रशासन के सामने सवाल बड़ा है
क्या डीएम साहब इस तरह की संस्कृति पर सख़्त कदम उठाएंगे या ये सब ऐसे ही चलता रहेगा? यह कोई पहला मामला नहीं है, जब विद्यालय खुलने के समय से पहले बंद मिला हो। डीएमके लगातार निर्देशों निरीक्षणों और चेतावनियों के बावजूद अध्यापक मनमानी पर उतारू हैं। सवाल यह है कि आखिर डीएम साहब की चेतावनियाऊ किसके लिए हैं?