नौगढ़ में श्री राम कथा का दूसरा दिन, भोलेनाथ की बारात की कथा सुनकर विभोर हुए श्रोता
तहसील नौगढ़ में दुर्गा मंदिर पोखरे पर चल रही संगीतमय श्रीराम कथा
शालिनी त्रिपाठी सुना रही हैं संगीतमय कथा
कहा- संतों का चलता फिरता समाज है प्रयागराज
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में दुर्गा मंदिर पोखरे पर चल रही संगीतमय श्रीराम कथा में सोमवार की रात कथा वाचिका मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने कहा कि गंगा में स्नान करने से मन स्वच्छ होता है। लेकिन संतों का समाज चलता फिरता प्रयागराज है। इनका सत्संग मिल जाए तो सारे कष्ट और दोष दूर हो जाते हैं।
कथा के दूसरे दिन शालिनी ने मां ब्रह्मचारिणी का स्मरण कर शिव बारात की कथा सुनाई। कहा कि नारद को जैसे ही पता लगा कि राजा हिमांचल के घर पार्वती का जन्म हुआ है, तो वह राजा के पास पहुंच गए। नारद ने जगत जननी को प्रणाम किया। इसके बाद राजा को बता दिया था कि पार्वती तपस्या करें तो भगवान शंकर प्राप्त हो सकते हैं। राजा चाहते थे कि बेटी के जीवन में कोई कष्ट नहीं आए, सो वह बेटी की उम्र का वास्ता देकर नारद को मनाने लगे।
कथा वाचिका ने शिव और पार्वती के विवाह से जुड़े सभी प्रसंग सुनाए। शिवजी के गण श्रृंगार करने में लग गए। जटाओं का मुकुट बनाकर उसे पर सांपों का मौर सजाया गया। शिवजी ने सांपों का ही कुंडल व कंगन पहने, शरीर व विभूति रमाई और वस्त्र की जगह बाघ का खाल लपेटकर बारात लेकर पहुंचे जिसे देख लोग आश्चर्यचकित हो गए। शिवजी को इस रूप में देखने के लिए अनेक देवी देवता पहुंचे थे। शिव बारात में बारातियों का चयन कर लिया गया सभी का नाम आ गया। लेकिन शिवगण श्रृंगी, भृगी, भूत प्रेत सोचने लगे कि उनका तो बारात में जाना संभव नहीं है। शिवजी उनके प्रेम भाव को समझ गए और बोले, जगत में जितने भूत पिशाच आदि हैं सभी को निमंत्रण है, बारात में सब चलेंगे।
आरती के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। इस मौके पर कथा के मुख्य यजमान सुनीति रामायणी, शिवनारायण जायेगा, पूर्व प्रधान प्रभु नारायण जायसवाल, भाजपा मंडल अध्यक्ष भगवान दास अग्रहरि, व्यापार मंडल अध्यक्ष सूरज केसरी, कृष्ण कुमार जायसवाल, मंशा मद्धेशिया, हिमांशु जायसवाल, आलोक कुमार, कृष्णकांत केशरी, मनीष जायसवाल, अजीत विश्वकर्मा समेत दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारी मौजूद थे। श्री राम कथा के मुख्य संयोजक दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष पंकज जायसवाल ने कथा में आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया।