सर्प दंश की घटनाओं से कांप रहा है नौगढ़, चार लोगों को सांप ने काटा, एक की मौत
 

सेमरा कुसही गांव निवासी  गिरिश (50) सुबह खेत की ओर शौच के लिए जा रहे थे। अचानक रास्ते में सांप ने उनके बाएं पैर पर हमला कर दिया। गिरिश मौके पर ही अचेत हो गए।
 

अस्पताल पहुंचे तीन लोगों को मिली नई जिंदगी

ओझा के चक्कर में संतलाल की चली गई जान

20 मिनट की दूरी को 5 घंटे बाद लेकर पहुंचे थे अस्पताल 

चंदौली जिले के तहसील में चकरघटृटा और नौगढ़ थाना क्षेत्र के गांवों में शनिवार को सांप के काटने की चार अलग-अलग घटनाओं ने पूरे इलाके को दहला दिया। तीन लोगों की जान अस्पताल में समय पर इलाज मिलने से बच गई, लेकिन एक व्यक्ति की जिंदगी अंधविश्वास की भेंट चढ़ गई। सवाल उठता है कि जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज 20 मिनट की दूरी पर है तो आखिर लोग क्यों पांच घंटे तक झाड़-फूंक में उलझे रहे?

सेमरा कुसही गांव में खेत जाते समय गिरिश को सांप ने डंसा

सेमरा कुसही गांव निवासी  गिरिश (50) सुबह खेत की ओर शौच के लिए जा रहे थे। अचानक रास्ते में सांप ने उनके बाएं पैर पर हमला कर दिया। गिरिश मौके पर ही अचेत हो गए। परिवारजन घबराए, लेकिन समझदारी दिखाते हुए तुरंत उन्हें सीएचसी नौगढ़ ले गए। डॉ. सुनील सिंह ने एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन देकर स्थिति संभाली और कहा कि हालात बिगड़े तो उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया जा सकता है।

अमदहा गांव में मवेशी बांधते समय महिला को डंसा

अमदहा में सुदर्शन की पत्नी कुमारी पत्नी मवेशियों को बांध रही थीं, तभी सांप ने दाहिने पैर में काट लिया। महिला दर्द से तड़प उठीं और मुंह से झाग निकलने लगा। परिवारजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस बुलाकर उन्हें सीएचसी नौगढ़ पहुंचाया। कुमारी को एंटी स्नेक वेनम का डोज दिया और गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा - “समय पर अस्पताल लाना ही जीवन रक्षक है, झाड़-फूंक नहीं।”

बोझ गांव में चारपाई पर सो रही महिला को करैत ने डंसा

बोझ गांव की विनोद की पत्नी पूनम रात में घर के अंदर चारपाई पर सो रही थीं। बारिश के कारण घर में पानी भरा था। इसी दौरान जहरीला करैत सांप घर में घुस आया और पूनम को डंस लिया। उनकी चीख-पुकार सुनकर परिवारजन जागे और तुरंत 108 एंबुलेंस से उन्हें सीएचसी नौगढ़ ले गए। यहां इलाज के बाद बताया गया कि पूनम की हालत अब सामान्य है।

संतलाल की झांड़ फूंक कराने में चली गई जान 

चकरघट्टा थाना क्षेत्र के बैरगाढ़ गांव के 42 वर्षीय संतलाल यादव सुबह चाय बनाने के लिए गोबर से बनी उपली निकाल रहे था। तभी निकले जहरीले सांप ने काट लिया।
परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक करने वालों के पास ले गए। लगभग 5 घंटे तक ओझाई चलती रही। जब हालत बिगड़ी  तो अस्पताल लाए गए, तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 
उनकी मौत से पत्नी कौशिल्या और चार बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ग्रामीणों का दर्द साफ झलक रहा था – अगर समय पर अस्पताल लाए होते, तो शायद संतलाल की जान बच जाती।

Doctor अवधेश पटेल की चेतावनी

सीएचसी नौगढ़ के अधीक्षक डॉ अवधेश पटेल ने साफ कहा कि सर्पदंश का एकमात्र इलाज एंटी स्नेक वेनम है। झाड़-फूंक में समय गंवाना मौत को बुलावा देने जैसा है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि सांप के काटते ही मरीज को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लाएं। इधर एक ही दिन में चार घटनाओं से ग्रामीण सहमे हुए हैं। बारिश के दिनों में सांपों के घरों और खेतों में घुसने की घटनाएं आम हो गई हैं।